बागवानी नीति लागू करने वाला पहला राज्य होगा हिमाचलः मुख्यमंत्री

Spread the love


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बागवानी विभाग की एचपी शिवा परियोजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में बागवानी नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा। इसका उद्देश्य राज्य में बागवानी उत्पादन को बढ़ाना और प्रदेश को फल राज्य बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,292 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के सात जिलों में 6 हजार हेक्टेेयर क्षेत्र को कवर करेगी। उन्होंने अंतर-फसलीय खेती पर बल देते हुए कहा कि दो चरणों में अमरूद, नींबू प्रजाति के फलों, अनार, ड्रैगन फ्रूट, जामुन तथा कटहल के पौधे रोपे जाएंगे।
उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि परियोजना में छोटे तथा सीमांत किसानों को शामिल किया जाए ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा बागवानी क्षेत्र किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
श्री सुक्खू ने कहा कि परियोजना के तहत वर्ष 2028 तक छह हजार हेक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपे जाएंगे। परियोजना के तहत प्रथम चरण में चार हजार हेक्टेयर भूमि तथा दूसरे चरण में शेष दो हजार हेक्टेयर भूमि को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से वर्ष 2032 तक 1.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद जताई, जिसका प्रतिवर्ष लगभग 230 करोड़ रुपये का व्यापार मूल्य होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से राज्य के 82,500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि इस परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए ताकि किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही 70 प्रतिशत आबादी विभिन्न कृषि गतिविधियों से जुड़ी हैै। उन्होंने विभाग को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता व सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव बागवानी प्रियंका बसुु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय सिंह तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक