पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मामले में कई एफआईआर दर्ज की थीं। इसमें वीडियो फुटेज और जांच के आधार पर कई लोगों को आरोपी बनाया था। सुरक्षा के दृष्टिगत संजौजी मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग करने के साथ ही पुलिस जवानों की तैनाती भी की थी। अब अदालत के फैसले के बाद पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं, जिससे शरारती तत्व क्षेत्र की शांति भंग करने के लिए किसी प्रकार की शरारत न करें। एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि संजौली मस्जिद क्षेत्र के आसपास पुलिस गश्त कर रही है। इसके अलावा जवानों की तैनाती भी की गई है। वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता बीएस ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी को सशर्त एनओसी दी थी कि उसे नगर निगम से नक्शा पास करवाना है। इसलिए डेमोलेशन ऑर्डर वक्फ बोर्ड के खिलाफ नहीं हो सकता।
एक महिला पुलिस कर्मी हुई थी घायल
मस्जिद विवाद एक लड़ाई की वजह से शुरू हुआ था। इसके बाद इस मामले में सियासत गरमा गई थी। आलम यह था कि प्रदर्शन के दौरान बाहरी राज्यों से भी लोग पहुंचे थे। मामला इतना गरमा उठा था कि यह कुछ दिन तक नेशनल मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा। 11 सितंबर का प्रदर्शन काफी उग्र था। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान बेरिकेड तोड़ डाले थे तथा इस दौरान एक महिला पुलिस कर्मी घायल भी हो गई थी। वहीं शुक्रवार को जुम्मे की नमाज मस्जिद में होगी इसे लेकर भी संशय बरकरार है।
वर्ष 2010 से चल रहा था कोर्ट में मामला
संजौली मस्जिद का मामला नगर निगम की कोर्ट में वर्ष 2010 से चल रहा है। किसी भी सरकार ने इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं दि खाई। नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से खड़ी हो गईं।
समिति ने कोर्ट परिसर में बांटे लड्डू
चक्कर कोर्ट परिसर में संजौली मस्जिद को अवैध करार देने का फैसला आने के बाद देवभूमि संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की और परिसर में लड्डू बांटे। इस दौरान देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को जल्द गिराने की मांग की है।

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