हिमाचल प्रदेश के हरोली उपमंडल के लोअर बढेड़ा गांव में फर्जी :नशा निवारण” केंद्र पर छापेमारी में 33 मरीजों को रेस्क्यू किया गया है। साथ ही केंद्र में तालेबंदी कर दी गई है। घटना को लेकर पंजाब के पांच और एक स्थानीय व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
छापेमारी को डीएसपी हरोली मोहन रावत की टीम ने अंजाम दिया है। फर्जी केंद्र से रेस्क्यू मरीजों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है। घटना के संबंध में संचालकों और प्रबंधन वर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
ऊना पुलिस द्वारा नशा तस्करी और नशाखोरी के खिलाफ चल रहे सघन अभियान के तहत एक नशा निवारण केंद्र पर भी गाज गिरी है। दबिश में नशा निवारण केंद्र में वैध लाइसेंस या दस्तावेज बरामद नहीं हुआ, जिसके तहत केंद्र को कोई सरकारी अनुमति प्रदान की गई हो। पुलिस ने नशा निवारण केंद्र के तीन मालिकों सहित एक स्थानीय प्रबंधक और केंद्र में ही बतौर मरीज भर्ती युवक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि नशा निवारण केंद्र में भर्ती मरीजों से 20 हज़ार रुपये प्रति व्यक्ति उपचार के नाम पर लिए जा रहे थे। पुष्टि करते थाना प्रभारी ने बताया कि केंद्र के खिलाफ पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रही थी इसके बाद पुलिस द्वारा मुकम्मल कार्रवाई के तहत छापेमारी को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध संस्थानो को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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