प्राचीन शिव मंदिर करगानु सनोरा मैं उमड़ी भक्तों की भीड़

Spread the love

महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर शिव महापुराण  की कथा के अंतिम दिवस कथा वक्ता पूज्य श्री विजय भारद्वाज जी के द्वारा द्वादश ज्योतिर्लिंगो तथा उपलिंगो की कथा विस्तार से भक्तजनों को श्रवण करवाई। महाशिवरात्रि  के महत्व का श्रवण करवाते हुए पूज्य व्यास जी ने कहा 1 वर्ष के व्रत से शिव पूजा से जो फल प्राप्त होता है वह फल केवल महाशिवरात्रि के व्रत लेने से चार प्रहर शिव पूजा करने से प्राप्त हो जाता है। व्याधेश्वर लिंग की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा एक गुरुदुह नामक भील था जो बड़ा निर्दयी और क्रूर था। अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए निरापराधी जीवो की हिंसा  किया करता था। एक बार सरोवर के किनारे  बिल्वपत्र  वृक्ष पर बैठकर शिकार का इंतजार करने लगा। वृक्ष के नीचे एक शिवलिंग थी जानवरों को मारने के लिए जैसे ही वह उद्यत होता वृक्ष के बिल्वपत्र और जल  नीचे पड़े शिवलिंग पर गिर जाता जिसके कारण भगवान शंकर उस भील पर प्रसन्न हो गए उसे दर्शन देकर कृतार्थ किया। अनजाने में की गई शिव पूजा से भी उस  भील का कल्याण हुआ। यदि हम जानकर भगवान शंकर का भजन पूजन करें तो क्या हमारा कल्याण नहीं होगा। प्रत्येक शिव महापुराण में लिखा है जो प्रत्येक परिस्थिति में भगवान का नाम भगवान का ध्यान भगवान का भजन पूजन कथा वार्ता इन कार्यों में संलग्न है उसी जीव का जीवन सार्थक है। इसलिए प्रत्येक परिस्थिति में भगवान को याद रखना यही मानव जीवन का परम लक्ष्य और परम सार है।

Third Eye Today

We’ve built a community of people enthused by positive news, eager to participate with each other, and dedicated to the enrichment and inspiration of all. We are creating a shift in the public’s paradigm of what news should be.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *