प्रशासन से हुई चूक- 30 के बाद गिनती आई 36, मचा हड़कंप
ज्वालामुखी में एक ऐसा ही वाक्य पेश आया जिसकी बजह से कुछ देर के लिए पूरे शहर में हड़कंप मच गया। घटना की वजह से खुद ज्वालामुखी प्रशासन के हाथ पांव फूल गए तथा किसी को समझ नही आ रहा था कि अब करें तो क्या करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी के गीता भवन व अग्रवाल ट्रस्ट धर्मशाला में कुल 97 लोगों को क्वारंटाइन किया जाना था। हैरानगी इस बात को लेकर है कि 2 दिन बीत जाने के बाद भी ज्वालामुखी प्रसाशन को इस बात की सही जानकारी नही थी, की यहां पर क्वारंटाइन केंद्रों में 97 लोग ठहराए गए हैं या इससे अधिक। जानकारी के अनुसार प्रशासन के पास बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों की जो सूची तैयार की उसके अनुसार ज्वालामुखी के क्वारंटाइन केंद्रों में 102 लोग ठहराए गए। जबकि वास्तविक स्तिथि ये थी कि आए हुए लोगों की संख्या 97 थी।
प्रशासन की एक बहुत बड़ी चूक के कारण उस वक़्त हड़कंप मच गया जब शहर में ये बात आग की तरह फैल गई कि ज्वालामुखी के संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र से 5 लोग प्रशासन द्वारा बनाई गई सूची के मुताबिक कम पाए गए। प्रशासन की सूची के अनुसार जब व्यक्तियों का एक एक करके आवाज लगाकर मिलान करने लगे तो वहां पर 97 लोगों की ही हाज़िरी लग रही थी। कड़ी मशक्कत के बाद जब सूची को सामने रखकर गिणती शुरू की गई तो बड़ी प्रसाशनिक चूक निकलकर सामने आ गई, जिसमें 30 की क्रम सँख्या के बाद सीधे 36 क्रम सँख्या से बाहर से आए हुए लोगों का दस्तावेसिक पंजीकरण किया गया था।