पिता की तलाश में घटनास्थल पर डटे लोकेंद्र को धड़ मिला पर सिर नहीं, शव देख चीख निकली
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में हुए हादसे के बाद बस समेत लापता 24 यात्रियों के लिए सर्च अभियान शुरू हो गया है। यहां शव मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन शवों की हालत इतनी खराब है कि खुद परिवार के लोग भी इन्हें नहीं पहचान नहीं पा रहे हें। कल तक लोकेंद्र सिंह वैदिक जो अपने पिता को तलाशने के लिए तीन बजे निगुलसरी पहुंच गए थे, रात भर जब ऑपरेशन बंद हो गया तो इसी बात की दुआ करते रहे कि उनके पिता जहां भी हों ठीक हों। लेकिन सुबह पिता का क्षत विक्षत शव देखकर उनकी ही नहीं वहां मौजूद और लोगों की भी चीख निकल गई।
एक उम्मीद थी कि शायद कहीं न कहीं उनके पिता सुरक्षित हों। सुबह बचाव दल ने जब बचाव अभियान शुरू किया तो उस समय से लेकर लगातार जब तक बस नहीं मिली एक ही स्थान पर खड़े होकर इस बात का इंतजार करते दिखे बस में बैठे लोगों को कब तक बाहर निकाला जाएगा। लेकिन उनकी उम्मीद तब टूटी जब उनके पिता का शव बस से बाहर निकाला गया। वह इतनी बुरी हालत में था कि सिर्फ शरीर ही मिला सिर का कोई पता नहीं है। लोकेंद्र की उम्मीद अब पूरी तरह से टूट गई है जिस उम्मीद के कारण वह पूरी रात घटनास्थल के पास डटा रहा।

पिता को बिना सिर के देखने के बाद लोकेंद्र के पास चिल्लाने और अपने परिजनों को समझाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। आंखों में आंसू लिए सोशल मीडिया पर लोकेंद्र सिंह वैदिक ने यही पोस्ट किया कि मेरे पापा की बॉडी तो मिल गई। लेकिन सिर नहीं मिला।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बस में सवार लोग किस हालत में होंगे। बस में 24 लोग सवार थे और आशंका जताई जा रही है कि सभी लोगों की हालत खराब ही होगी। लेकिन मौके पर खड़े हुए लोग अभी भी बस में बैठे अपने स्वजनों के सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हुए है और भगवान से लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि बस में बैठा हर व्यक्ति सुरक्षित हो।


