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पर्यटन उद्योग को मानसून से मिले जख्मों पर मरहम लगाएगी बर्फबारी

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हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को मानसून की तबाही से उबरने के बाद अब ताजा बर्फबारी से अच्छे कारोबार की उम्मीद है। अक्तूबर के पहले सप्ताह में हुई बर्फबारी से प्रदेश के पर्यटन कारोबारी उत्साहित हैं। मानसून के दौरान आई आपदा के चलते तीन महीने तक हिमाचल में पर्यटन कारोबार लगभग ठप हो गया था। अब पर्यटक बर्फ के नजारों का आनंद लेने के लिए हिमाचल की ओर रुख करेंगे। मानसून में आई प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक असर कुल्लू-मनाली, चंबा, शिमला और धर्मशाला जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पड़ा।बाढ़ और भूस्खलन से सड़क मार्ग बाधित रहे, होटल बुकिंग रद्द होने से पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। खासकर कुल्लू-मनाली में कई हफ्तों तक पर्यटकों कारोबार ठप रहा। इससे होटल और होम स्टे संचालकों के साथ ट्रैवल एजेंट्स, टैक्सी संचालकों और स्थानीय दुकानदारों को सबसे अधिक नुकसान का सामना करना पड़ा। रोहतांग और मनाली सहित प्रदेश की अन्य ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी ने विंटर सीजन को लेकर सैलानियों की उम्मीदें जगा दी हैं। आने वाले दिनों में यदि प्रदेश में अच्छी बर्फबारी होती है तो सैलानियों की संख्या बढ़ जाएगी। साथ ही क्रिसमस और न्यू ईयर पर रिकाॅर्ड संख्या में पर्यटक हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर पहुंचेंगे।

मानसून में हुए नुकसान के बाद ताजा बर्फबारी ने प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को नई उम्मीद दी है। अच्छी बर्फबारी हुई तो क्रिसमस और न्यू ईयर ईव सेलिब्रेशन के लिए रिकाॅर्ड टूरिस्ट हिमाचल पहुंचेंगे। मौसम खुलने के बाद पर्यटन स्थलों पर टूरिस्टों की भीड़ भी बढ़नी शुरू हो गई है।– गजेंद्र चंद ठाकुर, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन

वीकेंड टूरिज्म ने पकड़ी रफ्तार, टॉय ट्रेन पैक
लंबे समय बाद हिमाचल में वीकेंड टूरिज्म ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। शिमला, कुफरी, नारकंडा, चायल, कसौली सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर वीकेंड पर सैलानियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। कालका से शिमला आने वाली ट्रेनें इन दिनों पैक चल रही हैं। दिवाली की छुट्टियों के लिए गुजरात और महाराष्ट्र के सैलानियों ने एडवांस बुकिंग करवानी भी शुरू कर दी है। रविवार को भी शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर टूरिस्टों का तांता लगा रहा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक