पक्षियों की अप्राकृतिक मौत के मामले में रेपिड रिस्पोंस टीमें गठित

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हिमाचल प्रदेश के समीप के राज्यों में पक्षियों की असमान्य मृत्यु तथा प्रदेश के कांगड़ा जिला में पौंग वेट लैण्ड में वर्ड फ्लू की पुष्टि के उपरान्त सोलन जिला में इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। यह जानकारी पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ.बीबी गुप्ता ने दी।

डॉ.गुप्ता ने कहा कि किसी भी सम्भावित खतरे से निपटने के लिए जिला सोलन में कार्य करने वाली सभी पांच रेपिड रिस्पोंस टीमें अधिसूचित कर दी गई हैं। जिला में 01 रेपिड रिस्पोंस टीम जिला स्तर पर तथा 04 रेपिड रिस्पोंस टीमें उपमण्डल स्तर पर कार्यरत रहेंगी।

उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय रेपिड रिस्पोंस टीम में डॉ.अनीश कुमार (मोबाईल नम्बर-70184-09620), डॉ.लोवित (मोबाईल नम्बर-89881-17987), डॉ.वरूण पुरी (मोबाईल नम्बर-94186-44534), सत्य देव (मोबाईल नम्बर-98161-46211), अमित वर्मा (मोबाईल नम्बर-89880-62407) तथा जोगिन्द्र कार्यरत रहेंगे।

डॉ.गुप्ता ने कहा कि सोलन उपमण्डल तथा धर्मपुर में उपमण्डलीय रेपिड रिस्पोंस टीम में डॉ.उपेन्द्र भारद्वाज (मोबाईल नम्बर-94181-27244), डॉ.नीरज (मोबाईल नम्बर-94184-82260), डॉ.जयराम (मोबाईल नम्बर-94180-55446), अमर देव (मोबाईल नम्बर-98051-26496), प्रवीण (मोबाईल नम्बर-94181-49669) तथा राजेन्द्र कार्यरत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कण्डाघाट उपमण्डल में उपमण्डलीय रेपिड रिस्पोंस टीम में डॉ.विजय पाठक (मोबाईल नम्बर-94184-51065), डॉ.नितिन सहगल (मोबाईल नम्बर-94184-59840), अनिल (मोबाईल नम्बर-94183-23533) तथा सतपाल कार्यरत रहेंगे।

उपनिदेशक ने कहा कि नालागढ़ उपमण्डल में उपमण्डलीय रेपिड रिस्पोंस टीम में डॉ.बीबी करकरा (मोबाईल नम्बर-94181-63577), डॉ.सन्दीप (मोबाईल नम्बर-94181-74222), सुरेश (मोबाईल नम्बर-82191-95625), जयपाल (मोबाईल नम्बर-94180-33130) तथा राजकुमार कार्यरत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अर्की उपमण्डल में उपमण्डलीय रेपिड रिस्पोंस टीम में डॉ.जोगिन्द्र वर्मा (मोबाईल नम्बर-94180-91632), डॉ.मानवी चैधरी (मोबाईल नम्बर-70186-89506), सीताराम (मोबाईल नम्बर-94180-96043), दिनेश (मोबाईल नम्बर-94183-83419) तथा सुन्दर कार्यरत रहेंगे।

डॉ.गुप्ता ने कहा कि सभी टीमें अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में पक्षियों की अप्राकृतिक मौत के मामलों का अनुश्रवण करेंगी ताकि समयबद्ध उपाय किए जा सकें। सभी टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धति से पक्षियों की सैम्पलिंग करें।

उन्होंने कहा कि जिला में कार्यरत सभी वरिष्ठ पशु चिकित्सकों, पशु चिकित्सकों तथा क्षेत्रीय कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में बाजारों में तथा क्षेत्र में आने वाले प्रवासी पक्षियों की असामान्य मृत्यु का नियमित अनुश्रवण करें। इस सम्बन्ध में नियमित रिपोर्ट उचित स्तर पर प्रेषित की जाए ताकि सम्भावित बर्ड फ्लू के खतरे से सफलतापूर्वक निपटा जा सके।

उपनिदेशक ने कहा कि जिला के सभी वरिष्ठ पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि सीमांत क्षेत्रों, जल स्त्रोतों के समीप उपस्थित कुक्कुट, जंगली पक्षियों के निवास स्थान तथा पक्षी अभरयाण्यों में पक्षियों की निगरानी, योजना अनुसार करें।

उन्होंने कहा कि सभी पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी विशेष कुक्कुट इकाई अथवा गांव में सैम्पलिंग निर्धारित योजना के अनुसार ही की जाए। वरिष्ठ पशु चिकित्सक को पक्षियों के सीरम नमूने भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।

डॉ.गुप्ता ने कहा कि रेपिड रिस्पोन्स टीमों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पशुपालन विभाग बर्ड फ्लू के सम्भावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस दिशा में हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।

Anju

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