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पंचायती राज संस्थाओं पर संवैधानिक संकट—चुनाव जनवरी से पहले होना आवश्यक: विनोद ठाकुर

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शिमला, भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनोद ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा राज्य स्तरीय कैबिनेट बैठक में पंचायतो के पुनर्गठन का लिया गया निर्णय स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार आगामी चुनावों से बचने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला सरकार की हार के भय को उजागर करता है तथा इसकी चुनाव टालने की मंशा को साफ करता है।

विनोद ठाकुर ने कहा कि भाजपा लगातार यह मुद्दा उठाती रही है कि हिमाचल प्रदेश इस समय संवैधानिक संकट से गुजर रहा है। आज लिया गया यह निर्णय उस सोच पर मुहर लगाता है जो प्रदेश में चुनावों को टालने की दिशा में सरकार को प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव जनवरी से पहले होना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है, लेकिन वर्तमान सरकार हार के डर से इन चुनावों को टालने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि यह प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है और सरकार को इस प्रकार के कदम उठाने के बजाय पारदर्शिता व संविधान के नियमों का पालन करना चाहिए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक