नौणी यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ वाईसी गुप्ता को फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केपिंग के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय बागवानी विज्ञान अकादमी की फैलोशिप से सम्मानित किया गया हैं। डॉ गुप्ता, वर्तमान में बागवानी महाविद्यालय और अनुसंधान,विस्तार, उत्कृष्टता केंद्रथुनाग,मंडी के डीन के रूप में कार्य कर रहें हैं। हाल ही में नास कॉम्प्लेक्स नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बागवानी कांग्रेस 2019 के दौरान उन्हें इस फेलोशिप से सम्मानित किया गया।
मंडी में जन्मे डॉ गुप्ता ने आगरा विश्वविद्यालय से 1986 में बीएससी और बाद में एमएससी डिग्री की। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली से बागवानी (फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केपिंग) में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1988 में उन्होनें नौणी विवि में बतौर सहायक फ्लोरिकल्चरिस्ट जॉइन किया। उन्होंने 12 साल तक फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग के प्रोफेसर और विभागअध्यक्ष के रूप में भी काम किया, जिसके बाद वर्ष 2019 में थुनाग में विश्वविद्यालय के चौथे घटक कॉलेज के पहले डीन बने।
डॉ गुप्ता ग्लेडियोलस ने सात संकर(हाइब्रिड), मैरीगोल्ड में पांच संकर, एंटीथिनम में चार संकर औरपैनसीमें तीन संकर के अलावा हिमफ्लोरा (हिमाचल प्रदेश के जंगली ओर्नमेंटल काएक कंप्यूटरीकृत वनस्पति डेटाबेस) नामक पटेंट के विकास में कार्य किया है। इसके अलावा ग्लैडियोलस के सोलन मंगला और गुलदाउदी की सोलन शृंगार किस्में वर्ष 2014 में जारी की गई और कार्नेशन की किस्म वीरभद्र सिंह को वर्ष 2016 में जारी किया गया।
पीपीवीएफआरए के तहत कार्नेशन और लिलियम के DUSपरीक्षण के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के अलावा, डॉ गुप्ता विभिन्न सोसाइटी के लाइफ मेम्बर भी हैं। अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, यूएसए ने डॉ गुप्ता को वर्ष 2000 में मानद नियुक्ति प्रदान की। सोसाइटी फॉर रिसेंट डेव्लपमेंट इन एग्रीकल्चरऔर इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्नामेंटल हॉर्टिकल्चर के भी फेलो है। डॉ गुप्ता को इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्नामेंटल हॉर्टिकल्चरके लोटस पुरस्कार 2011 और हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2016 के लिए फूलों की खेती में डॉ मनमोहन अतावर गोल्ड मेडल अवार्डसे भी नवाजा जा चुका है।
डॉ गुप्ता ने 31 वर्षों में अपने करियर में कई एमएससी और पीएचडी छात्रों के रिसर्च गाइड होने के अलावा कई शोध पत्र,पुस्तक अध्याय,लेख और तकनीकी बुलेटिन लिखेँहैं। उन्होंने 17 से अधिक बाहरी वित्त पोषित और 8 राज्य वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं को संभाला है। नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल और अन्य वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और छात्रों ने डॉ गुप्ता को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी।
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