नौणी में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया

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डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आज शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री मुख्य अतिथि रहे। विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के अध्यक्ष सहित 37 सदस्यों ने शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने मुख्य अतिथि और सेवानिवृत्त शिक्षकों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय के स्तर को ऊपर ले जाने और युवाओं को अच्छे नागरिक और लीडर बनाने में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की और उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त शिक्षकों और पूर्व छात्रों के लिए एक केंद्र के रूप में सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया में है जो वर्तमान छात्रों और शिक्षकों के बीच उनके पूर्व छात्रों और पूर्व शिक्षकों के साथ जुड़ाव बढ़ाने में मदद करेगा।

डॉ. अग्निहोत्री ने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का उदाहरण देते हुए शिक्षकों से देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने का आग्रह किया जो हमारे देश को अन्य देशों से अलग बनाती है। उन्होंने कहा कि छात्रों की नजर में गुरु का दर्जा पाने के लिए शिक्षकों को निरंतर कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उनका विचार था कि शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों में नए विचारों को बढ़ावा देने के लिए तर्क करने की आदत डालने की आवश्यकता है। डॉ. अग्निहोत्री ने शिक्षकों को अपनी मातृभाषा में भी पढ़ाना शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया और देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई बदलाव करने के लिए नई शिक्षा नीति की सराहना की। सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. बी बी लाल कौशल ने पूर्व शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। वानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. सी एल ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर छात्रों, सेवानिवृत्त और सेवारत संकाय सदस्यों ने गायन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर शिक्षकों और छात्रों के लिए रस्साकशी और चम्मच दौड़ जैसे कई खेलों का भी आयोजन किया गया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक