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नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट ने पहुंचा दिया अमेरिका, हिमाचल के रितेश की कहानी

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अमेरिका से अवैध प्रवासियों के साथ विमान में अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचने वालों में हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के गुमटी गांव का युवक रितेश (19) भी रहा। बताया जा रहा है कि एजेंट ने मुंबई में रितेश को एक विदेशी दवा कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अमेरिका पहुंचाया। यहां पहुंचाने से पहले कई देशों में ले जाया गया और उसे टार्चर करके घरवालों से पैसों की मांग की गई। घरवालों ने अपने बेटे की सलामती के लिए किस्तों में 45 लाख रुपये की राशि गंवा दी। हैरानी की बात यह रही कि यह सारा पैसा नकद लिया गया। इसे परिजनों ने हरियाणा के नारायणगढ़ में एजेंट की बताई जगह पर सौंपा।कालाअंब क्षेत्र के गुमटी गांव के शिक्षक पिता शमशेर सिंह ने बताया कि उसका बेटा बीफार्मा कर रहा था।

छुट्टियों के दौरान वह ट्रैक्टर पर कार्य कर रहा था। इस दौरान एक एजेंट इसके संपर्क में आया और इसे मुंबई में अमेरिका की एक दवा कंपंनी में नौकरी लगवाने की बात कही। उसने कहा कि जमा दो मेडिकल पास कर चुके युवाओं की तलाश है। यह भी कहा कि कुछ समय के बाद उसे अमेरिका भी भेजा जाएगा। इसके बाद परिजनों ने एजेंट के कहने पर अपने बेटे रितेश को 23 अगस्त 2024 को मुंबई में अमेरिका की दवा कंपनी में नौकरी के लिए भेज दिया। चंद रोज में ही एजेंट ने घरवालों को बताया कि उनके बेटे का वर्क वीजा लग चुका है, उसे अमेरिका भेजा जा रहा है, नौकरी वहीं करनी पड़ेगी।

पिता शमशेर सिंह ने बताया कि इसके बाद उसके बेटे को अलग-अलग देशों में ले जाया गया और उसे टॉर्चर किया, कई बार भूखे भी रखा गया। वहां से पैसों की मांग की जाती रही। मैंने सबसे पहले उनकी डिमांड के अनुसार 20 लाख, इसके बाद 10 लाख, 7 लाख, 3 लाख और 5 लाख रुपये की राशि अलग-अलग समय पर दी। यह पैसे पहले रिश्तेदारों और आस-पास के लोगों से इकट्ठे किए और बैंक से लोन लिया। उनकी सारी जमा पूंजी भी लग चुकी है। पालियों पंचायत के प्रधान जसवंत सिंह ने बताया कि गुमटी गांव का एक युवक अमेरिका गया था जो वापस आ रहा है। पुलिस अधीक्षक सिरमौर एनएस नेगी ने बताया कि सरकार की ओर से युवक के आने की जानकारी मिली थी। पुलिस की टीम अमृतसर भेजी गई है।

25 जनवरी को अमेरिका में दाखिल हुआ था बेटा
उन्होंने बताया कि इस 25 जनवरी को उनका बेटा अमेरिका में दाखिल हुआ। यहां पर उसे सीबीपी ने अपनी कस्टडी में ले लिया। इसके बाद उसकी घर वापसी हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी वह अपने रिश्तेदारों के यहां रोपड़ में है। उनका बेटा उन तक नहीं पहुंचा है लेकिन उसने बताया कि आते हुए उसे कोई दिक्कत नहीं हुई, समय पर खाना और दूसरी चीजें उपलब्ध करवाई गई हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक