पूर्व मुख्यमंत्री व अर्की के विधायक वीरभद्र सिंह आज सदन के बाहर धरने पर बैठे नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व चार अन्य विधायकों को समर्थन में धरने पर बैठ गए। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे और केवल धरना देने के लिए यहां पहुंचे हैं। वीरभद्र के आने के बाद कांग्रेस सदन में आक्रामक रुख अपना सकती है। वीरभद्र सिंह पहले ही कह चुके हैं कि सदन में जो गतिरोध चल रहा है वह समाप्त होना चाहिए। मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन गलत नहीं था। विपक्ष का काम सदन और सदन के बाहर अपना विरोध जताना है। वहीं जब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा कि गतिरोध को तोड़ने के लिए क्या वह मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे या फिर मुख्यमंत्री को उनके पास आना चाहिए। इस पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि वे एक बार के मुख्यमंत्री हैं और मैं छह बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। गतिरोध को समाप्त करने के लिए सत्ता पक्ष को विपक्ष के पास आने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि सोमवार से कांग्रेस के निलंबित पांचों विधायक मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन, सुंदर सिंह ठाकुर, विनय कुमार के अलावा, अन्य विधायक भी धरना दे रहे हैं। इन पर आरोप है कि सत्र के पहले दिन इन्होंने राज्यपाल के साथ बदसलूकी की और उनकी गाड़ी रोकी। बाद में इन्हें पूरे बजट सत्र से जहां निलंबित किया गया है।
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