नहीं रहे ग़रीबों के नेता गुरुदास दासगुप्ता

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता कॉमरेड गुरुदास दासगुप्ता (Comrade Gurudas Dasgupta ) का गुरुवार को कोलकाता में 83 साल की उम्र में निधन हो गया।

देश के दिग्गज नेताओं में थे गुरदास दासगुप्ता

उनका जन्म 3 नवंबर 1936 को हुआ था। गुरदास दासगुप्ता तीन बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं, साथ ही उनकी गिनती देश के दिग्गज नेताओं में होती थी।

उन्होंने मजदूर वर्ग के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था और संसद के बाहर और पूर्व में एआईटीयूसी के महासचिव (General Secretary of AITUC) के रूप में श्रमिक वर्ग की सेवा की थी। उन्होंने मज़दूर वर्ग का एक मजबूत व्यापक एकजुट मंच बनाया। वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सीपीआई संसदीय दल के नेता थे ।

हर्षद मेहता घोटाले को उजागर किया

संसद में उनकी आवाज ने हर्षद मेहता सहित कई भ्रष्टाचार घोटालों को उजागर किया। वह संसद में दलितों की शक्तिशाली आवाज थे। पश्चिम बंगाल में छात्र और युवा आंदोलन से गरीबों के लिए अपना समर्पण शुरू किया और देश भर में उग्रवादी ट्रेड यूनियन संघर्ष का निर्माण किया। उनका अंतिम संस्कार कल यानि 1 नवंबर को कोलकाता में होगा।

प्रणब मुखर्जी पर तीखी टिप्पणी की थी

गुरुदास दासगुप्ता अपनी बातें खुलकर रखने के लिए मशहूर थे। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2012-13 के बजट पर तीखी टिप्पणी करते हुए दासगुप्ता ने कहा था कि केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी की कोई आवश्यकता नहीं थी, यह बजट तो कोई भी लिपिक तैयार कर सकता था।

कॉमरेड गुरुदास दासगुप्ता को लाल सलाम।

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