नहीं रहे मशहूर शायर राहत इंदौरी, कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में थे भर्ती

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मशहूर शायर राहत इंदौरी अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह करोना से संक्रमित थे और उन्हें देर रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी थी। लेकिन आज शाम करीब चार बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इंदौर से स्थानीय पत्रकार शुरैह नियाज़ी के मुताबिक अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक़, उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। उन्हें कोरोना और सांस लेने में दिक्कत की वजह से भर्ती कराया गया था। राहत इंदौरी की उम्र 70 साल थी।

डॉ राहत इंदौरी के कुछ चुनिंदा शेर-

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो

मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे

जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे

मैं बच भी जाता तो…….

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है

आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था

मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था

मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना

मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था

मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए……

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है

चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे

कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए

और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं

फकीरी पे तरस आता है……..

अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है

जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे

मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे

फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो

इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

अंदर का ज़हर चूम लिया…….

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए

कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए

कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए

चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

Anju

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