जिला बिलासपुर में खेल खेल में स्वच्छता का पाठ अभियान पर हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक

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बिलासपुर जिला में खेल खेल में स्वच्छता का पाठ कार्यक्रम का उद्देश्य ठोस कचरा प्रबंधन  को सभी स्कूली   बच्चों के व्यवहार में शामिल करना है जिससे विद्यार्थियों में बचपन से ही  ठोस कचरा प्रबंधन के महत्व  की समझ बढे और विद्यार्थी इसे अपने जीवन अपनाएं। यह बात उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय ने आज बचत भवन में शिक्षा विभाग द्वारा वर्चुअल माध्यम से  शिक्षा ब्लॉक घुमारवीं 1, घुमारवीं 2 और सदर बिलासपुर के सभी स्कूलों के अध्यापकों और छात्र-छात्राओं सेइस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक करते हुए कहे। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन में बेहतर काम करने वाले सभी ब्लॉकों के तीन शीर्षक स्कूलों को 26 जनवरी व 15 अगस्त के दिन नवाजा जाएगा और उपायुक्त स्वयं इन सभी स्कूलों का निरीक्षण भी करेंगे। उन्होंने सभी स्कूल प्रबंधन को ठोस व तरल कचरे को अलग अलग करने और कचरे का निष्पादन के सभी विधियों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन के सभी पहलुओं की समझ सभी विद्यार्थियों में हो यह आवश्यक कार्य है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को अन्य प्रदेशों के सफलतम ठोस प्रबंधन कार्यक्रम के बारे में बच्चों को अवगत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे यूट्यूब व गूगल पर ठोस कचरा प्रबंधन के संबंध में सभी सफलतम मॉडलों का अवलोकन अवश्य करें जिससे ठोस कचरा प्रबंधन के प्रति बच्चों में और अधिक रुचि पैदा हो। उन्होंने बताया कि हमें जल, जमीन और हवा को प्रदूषित मुक्त करना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ रह सकें। पृथ्वी पर जमा पॉलीथिन जमीन की जल सोखने की क्षमता खत्म कर रही है जिससे वह जलस्तर गिर रहा है कभी सुविधा के लिए बनाई गई प्लास्टिक आज सबसे बड़ी असुविधा बन गई है आज पॉलीथिन पर्यावरण और मानव दोनों के  के लिए खतरनाक साबित हो रही है जिस से निजात पाने के लिए सभी जिला वासियों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने सभी जिला वासियों से रोज मर्रा में इस्तेमाल होने वाले चिप्स, दूध व दही जैसे  वस्तुओं के पैकिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही पॉलिथीन को सही तरीके से निष्पादन करने की अपील की है।  इस अवसर पर उप निदेशक उच्च शिक्षा राजकुमार शर्मा सहित डाइट बिलासपुर के प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक