जयराम सरकार की माया, जनहित में 17 पीएचसी को बंद कराया, पढ़ें खबर

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17 पीएचसी को जयराम जी की 

थर्ड आई टुड़े (विशाल वर्मा)हिमाचल के इतिहास में पहले शायद ही ऐसा हुआ होगा जब पब्लिक इंटरस्ट में स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संस्थान को बंद किया होगा। लेकिन ऐसा कारनामा हुआ है और वो भी जयराम सरकार में।

एक-दो नहीं बल्कि 17 पीएचसी पब्लिक इंटरस्ट में सरकार ने बन्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमे हिमाचल के अलग अलग जिलों की पीएचसी शामिल है। ग्रामीण लोग मांग-मांग कर नेताओं से इन्हे खुलवाते थे लेकिन सरकार की एक अधिसूचना ने लोगों को निराश कर दिया। 

शिमला में बैठे बहुत से अधिकारी जयराम सरकार का बंटाधार करने में लगे हुए है। पता नहीं ऐसी कौन सी घुटी वो जयराम को दे देते है जो वो उनकी बात मान जाते है और जब बाद में विरोध होता है तब वो अधिसूचना को वापिस ले लेते है। ट्रांसफर तो पब्लिक इन्टरस्र्ट में सुनी थी लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने के बारे में पहली बार सुना।

ये बात समझ से परे है कि पीएचसी को पब्लिक इंटरस्ट में बंद करने का क्या ओचित्य है। या ये कहें कि ऐसी कौन सी पब्लिक है जो इन्हे बंद करवाना चाहती है। पब्लिक तो स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए सरकार के पास जाती है लेकिन बंद कने के लिए गई हो ये बात कुछ गले नहीं उतर रही। पब्लिक इंटरस्ट में तबादले होते तो जरूर सुने लेकिन पब्लिक इन्टरस्र्ट में सुनी थी पीएचसी पहली बार सुना। ये बात हम नहीं कह रहे कि सरकार ने इसे पब्लिक इंटरस्ट में बंद किया है जबकि ये बात सरकार द्वारा जारी कि गई अधिसूचना मे साफ-साफ लिखी हुई है। अधिसूचना में लिखा गया है कि The Governor, Himachal Pradesh is pleased to order to de-notify the following 17 PHCs with immediate effect in the Public Interest as under. और यही पब्लिक इंटरस्ट वाली बात किसी के गले नहीं उतर रही है।

यही नहीं 6 बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निर्वाचन क्षेत्र अर्की के तहत पड़ने वाली पीएचसी बागा को भी बंद करने के आदेश दिये गए है व सोलन के विधायक शांडिल के निर्वाचन क्षेत्र की कुफ़्टु पीएचसी को भी अधिसूचना जारी कर दी है।

अगर कांग्रेस की सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर इन पीएचसी को बनाया था तो जयराम सरकार को ये बात समझने में 3 वर्ष का समय लग गया जबकि सरकार बनने के 6 माह के अंदर ही उन्हे इन्हे रद्ध कर देना चाहिए था। ऐसे मे अब  सरकार के कामकाज पर भी सवालिया निशान लगना लाज़मी है।  

17 पीएचसी को बंद करवा अफसरशाही सरकार को किस और ले जा रही है ये तो समझ से परे है लेकिन बेहतर सेवाओं का दम भरने वाली सरकार के लिए अधिकारी किस तरह की राजनीति जयराम से करवा रहे है ये सोचने वाली बात है। अगर ऐसा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कहने पर ऐसा हुआ है तो फिर राम जी की माया जयराम जी ही जाने ?

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Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक