चेरी के दामों ने तोड़े पिछले सारे रिकॉर्ड, 700 रुपये किलो बिकी

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हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की चेरी के दामों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कोटगढ़ के बागवानों की चेरी को दिल्ली में 600 से 700 रुपये प्रतिकिलो रेट मिले हैं। आमतौर पर चेरी 300 से 350 रुपये प्रति किलो बिकती है लेकिन कोराना काल में विटामिन-सी से भरपूर चेरी को भारी मांग के चलते बेहतरीन रेट मिल रहे हैं। अच्छे रेट मिलने से चेरी उत्पादक भी उत्साहित हैं।

कोटगढ़ के भरेड़ी के छावनी आर्चर्ड के संचालक साहिब सिंह भैक के बेटे सलुज भैक ने बताया कि मरचेंट किस्म की उनकी चेरी दिल्ली में 700 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड रेट पर बिकी है। अब तक इस रेट पर कभी भी उनकी चेरी नही बिकी। बढ़िया साइज और क्वालिटी के साथ विटामिन सी और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण उनकी चेरी को यह रेट मिला है। भरेड़ी के ही बागवान अमर सिंह भैक की चेरी को भी 700 रुपये प्रति किलो रेट मिले हैं।


उन्होंने बताया कि अच्छी क्वालिटी के चलते बढ़िया रेट मिले हैं। आइना आर्चर्ड के संचालक अनिल भैक ने बताया कि बुधवार को उनकी चेरी दिल्ली में 600 रुपये प्रतिकिलो बिकी है। पिछले साल 300 से 350 रुपये रेट थे। इस साल चेरी का साइज बड़ा होने के चलते अच्छे रेट मिले हैं।  पिछले दिनों कुल्लू की चेरी को दिल्ली में 300 रुपये प्रति किलो रेट मिले थे। बुधवार को शिमला की फल मंडी में चेरी अधिकतम 230 रुपये बिकी।

बढ़िया पैकिंग और सही टाइमिंग से मिल रहे अच्छे रेट : दुर्गा
बागवानों को बतौर फल समन्वयक सेवाएं दे रहे दुर्गा चौहान का कहना है कि तुड़ान में एहतियात बरतने, बढ़िया पैकिंग और मंडी में फ्रूट पहुंचने की सही टाइमिंग से कोटगढ़ के बागवानों को चेरी के रिकॉर्ड रेट मिल रहे हैं। सही तुड़ान से क्वालिटी खराब नहीं होती। बढ़िया पैकिंग से खरीदार आकर्षित होते हैं और चेरी सुबह 5 से 6 बजे के बीच दिल्ली पहुंचे तो सबसे अच्छे रेट मिलते हैं। कोरोना काल में चेरी की डिमांड भी अधिक है।

हाथों हाथ बिक रही कोटगढ़ की चेरी : राज बाबू
सरस्वती लक्ष्मी फ्रूट कंपनी ए-329 आजादपुर मंडी दिल्ली के संचालक राज त्यागी ने बताया कि बढ़िया क्वालिटी और अच्छी डिमांड के कारण कोटगढ़ की चेरी रिकॉर्ड रेट पर बिक रही है। 600 से 700 रुपये रेट चल रहा है। दिल्ली के खरीददार बढ़िया चेरी हाथों हाथ खरीद रहे हैं। कोरोना की वजह से भी विटामिन सी वाले फ्रूट की डिमांड ज्यादा है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक