गिरी पार अनुसूचितजाति अधिकार संरक्ष्ण समिति द्वरा जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जन जातिय क्षेत्र का दर्जा

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गिरी पार अनुसूचितजाति अधिकार संरक्ष्ण समिति द्वरा जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जन जातिय क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की सिफ़ारिशो को मध्यनजर राजगढ़ में विशाल जनसभा का आयोजन किया | क्षेत्र की आज तक की सबसे बड़ी जनसभा  में करीब 10 हजार लोगो का आपर जन समूह उमड़ पड़ा | ढोल नगाडो के साथ शिलाई,रेणुका सहित राजगढ़ तहसील के हर कौने से लोग अपने खर्चे पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यहाँ पहुंचे | इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार को भी चेतावनी दे डाली कि यदि गिरी पार को अनुसूचित जाती के लोगो के अधिकारों की बलि चढ़ा कर जनजातीय का दर्जा दिया गया तो सरकार क्या हर एक राजनितिक दल को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा | यहाँ तक कहा गया की संसद सदस्य सुरेश कश्यप,पूर्व सांसद वीरेंदर कश्यप,रेणुका के विधायक विनय कुमार,पच्छाद विधायक रीना कश्यप ने कभी भी दलित लोगो की आवाज की नहीं उठाया है|जिसकी उन्हें आने वाले चुनाव में कीमत चुकानी  पढ़ सकती है | सभी वक्ताओं ने एक स्वर में क्षेत्र के अनुसूचित जाति वर्ग के होने वाले हनन को लेकर चिंता जाहिर की| कहा कि जिस प्रकार की सिफरिशे केंद्र सरकार को भेजी गई हे उससे साफ जाहिर हे कि यदि सरकार क्षेत्र को इन सिफ़ारिशो के मुताबिक जनजातीय का दर्जा प्रदान करती है तो निश्चित रूप से यहाँ की 40%आबादी के अधिकार स्वत समाप्त हो जायेंगे |लिहाजा सभी ने कहा कि क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की बड़ी आबादी के अधिकारों को संरक्षित किये बिना यदि क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया गया तो आरक्षित वर्ग इसका खुल कर विरोध करेगे | यदि सरकार आरक्षित वर्ग के अधिकारों को संरक्षित कर गिरी पार क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति घोषित करती है तो हम भी खुल कर सरकार का न केवल धन्यवाद करेंगे बल्कि हाटी समिति के साथ क्षेत्र को विकास में आगे ले जाने के लिए भरपूर सहयोग करेंगे |उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो क्षेत्र अनुसूचित जनजाति क्षेत्र हे उनकी स्थति लेकर चले तो वहां पर जहाँ केवल एक जाती न होकर कई जातियां हे वहां पर अनुसूचितजाति के लोगो ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्यचार निवारण कानून से हाथ धोया है |उन पर यदि कोई अत्यचार वहां के उच्च जाति द्वारा किया जाता है तो वह उसके खिलाफ इस कानून का सहारा नही लेपाते है |साथ ही सरकार द्वरा पिछड़ी जाति के लोगो को पंचायती राज में मिलने वाले आरक्षण से भी वंचित हो रहे है | इतना ही  नहीं सरकारी नोकरियों में अभी ओबीसी को27% अनुसूचित जाती वर्ग को 16 % आरक्षण की व्यवस्था है| जो अनुसूचित जनजाति होने से मात्र 7% ही रहेगा | जो  ओबीसी और अनुसूचित जाती वर्ग के साथ न्याय नहीं होगा |बताया की आज भी गिरी पर क्षेत्र क लोगो गरीब में जी रहे हे| अनुसूचित जाती क लोगो के पास अपनी जीविका के लिए पर्याप्त साधन नही हे | खेती क लिए भूमि नही है |सरकार द्वारा भूमि हीन लोगो को पांच बीघा भूमि प्रदान की थी जो आज घर बनाने के लिए भी पर्याप्त नही है |जबकि दूसरी तरफ देखे तो सामान्य जाती क लोगो के परिवारों के पास सैकड़ो बीघा भूमि है |एसी स्थिति में यहाँ के पिछड़ी जाति क लोगो को नोकरियों में आरक्षण का प्रावधान सरकारों द्वरा किया गया है उससे संतुष्ट हे| कहना है की गिरी पार में अनुसूचित जाती वर्ग के लोगो के साथ भेदभाव एव उनके साथ अत्याचार की घटनाएँ बेहद चिंताजनक है | सरकारी आंकड़ो के अनुसार 2017 से लेकर अब तक जिला सिरमौर में जितने मामले एट्रोसिटी क आये हे उनमे से 95 % मामले गिरी पार के हे | एसी स्थित में गिरिपार के अनुसूचित जाति  के लोग अपने अधिकारों को हाथ से किसी भी सुरत में नहीं जाने देंगे |जिसकी लड़ाई अनुसूचितजाति अधिकार संरक्ष्ण समिति के बेनर तले लड़ी जाएगी |इसके लिए यहाँ क लोगो किसी भी हद तक जाने को तेयार रहेंगे | कहा की हमारा हाटी समिति से किसी भी प्रकार का विरोध नहीं हे |हाटी समिति की मांग का हम इस आधार पर समर्थन करते हे कि वह भी हमारी मांग का समर्थन करें| मोका पर समिति के अध्यक्ष अनिल मंगेट ने कहा कि हाटी रिपोर्ट में बहुत सी खामियां हे | इसमें तथ्यों को छुपाया गया है | समस्त गिरी पार को इस प्रकार से पिछड़ा बताया गया है कि जेसे यहाँ आज भी आदि वासी निवास करते हे|उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूरा चिठा त्रुटिपूर्ण हे जिसका हम विरोध करते है | कहा कि यहाँ की अनुसूचित जाति वर्ग के हितो के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय किसी भी सुरत में सहन नही होगा |चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी लड़ाई क्यूँ न लडनी पड़ेगी |इस अवसर पर हिमाचल भीम आर्मि के अध्यक्ष रवि कुमार दलित,रेणुका के पूर्व विधायक हृदय राम,कोली समाज के प्रदेश महासचिव राजेश कोष,समाज सुधारक सभा से मधु सिंह,जोंसार बाबर से जब्बर सिंह,एसी एस टी ,ओबीसी मोर्चा के वरिष्ठ उप प्रधान बुधि सिंह जस्टा,सुख देव विश्व प्रेमी,डीएसएमएम के सह संयोजक आशीष कुमार,कोली समाज के उत्तम कश्यप,रणवीर सिंह,वेलफेयर सोसायटी के प्रीतम पाल,बाल्मीकि सभा से विजय चोहरिया,प्रधान गुज्जर समित,सहित जिला समिति के सुरेन्द्र धर्मा,दीप झम्ठेटका,नीरज कुमार,सत पाल मान के अतिरिक्त भी कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये|.. इस अवसर पर कहा की 40  प्रतिशत लोगो के अधिकारों का हनन नही होने दिया जायेगा और यदी ऐसा होता है तो सरकार की इंट से इंट बजाई जायेगी | 

 

हम छाती ठोक कर कहते है कि हम एक जातीय संगठन है | 70 वर्षो से  हिमाचल प्रदेश में नीला झंडा उठाने वाला कोइ नही था लेकिन भीम आर्मी एकता मिशन के गठन के एक वर्ष बाद पुरे प्रदेश को नीला नीला कर दिया गया है | यह बात भीम आर्मी एकता मिशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि दलित ने राजगढ़ में  गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति द्वारा आयोजित रैली के दौरान कही | उन्होंने कहा कि  पच्छाद  विधायक रीना कश्यप, रेणुका के विधायक विनय कुमार ,  सांसद सुरेश कश्यप तथा पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप ने कभी भी  अनुसूचित जाति के हितों की बात नही की |  उन्होंने सांसद सुरेश कश्यप को अनुसूचित लोगो के लिए बहुत महंगा बताया और कहा कि 2024 में उन्हें सबक सिखाया जायेगा  रवि दलित ने ने चोपाल विधायक  बलवीर वर्मा का भी चुनोती दी और कहा कि उन्हें उनके घर में आकर बाहर किया जायेगा | रवि दलित ने  उपस्थित जन समूह से इन नेताओं का विरोध करने और  उन्हें वोट न देने का आवाहन  किया।  बैठक के दौरान अन्य   वक्ताओं ने गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातिय दर्जा दिया जाने का विरोध किया और हाटी को काल्पनिक  करार दिया | सभी ने कहा कि  प्रदेश सरकार द्वारा  गलत रिपोर्ट देकर प्रभावशाली लोगों को जनजाति घोषित करने की साजिश की जा रही है। इससे  अनुसूचित जाति के लोगों को एट्रोसिटी एक्ट व पंचायतों में आरक्षण के अधिकारों को वंचित किया जा रहा है।  कहा कि यह जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र का ही नहीं बल्कि समूचे हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित जाति के लोगों का मसला है। पूर्व विधायक हृदयराम ने कहा कि वह अनुसूचित जाति, ईडब्ल्यूएस व ओबीसी के अधिकार समाप्त किए जाने को रोकने का वह हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने युवाओं को होश के साथ जोश दिखाने की बात कही। बैठक व् रैली में भरी संख्या में प्रदेश भर के अनुसूचित जाति के संगठनों के पदाधिकारी व लोग उपस्थित हुए। इस दौरान युवाओं ने ‘प्रदेश सरकार, होश में आओ’ ‘हाटी एक बहाना है, एट्रोसिटी हटाना है’ ‘फर्जी हाटी नहीं चलेंगे’ आदि नारे लगाए। बैठक के उपरांत  नेहरू मैदान से एसडीएम कार्यालय तक रैली निकालकर  प्रधानमंत्री को लिखित ज्ञापन भेजा गया । इसके बाद भारी जनसमूह बारिश की परवाह किये उप मंडला अधिकारी (ना) के कार्यालय रेली के रूप में पहुंचा जहाँ सांकेतिक धरना प्रदर्शन के उपरांत ज्ञापन सोंपा |

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक