क्षेत्रीय अस्तपाल सोलन में टेढ़े-मेड़े पैरों (क्लब फुट रोगों) का अब निःशुल्क उपचार उपलब्ध होगा। यह उपचार मिरेकल फीट इंडिया संस्था के सहयोग से उपलब्ध करवाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल ने यहां दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि गत दिवस मिरेकल फीट इंडिया व क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के वरिष्ठ चिकित्सकों के मध्य एक बैठक आयोजित की गई जिसमें टेढ़े-मेड़े पैरों के उपचार के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में इस तरह की बीमारी के सही कारण का पता नहीं लग पाया है। इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों का अलग-अलग मत है। डॉ. उप्पल ने कहा कि अल्ट्रासाउंड द्वारा भी इस रोग का पता लगाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के समय गर्भस्थ शिशु की स्थिति सही न होने के कारण बच्चों के पैरा खराब हो जाते हैं। आधुनिक खान-पान को भी इस बीमरी की बड़ी वजह माना गया है। उन्होंने कहा कि कुछ चिकित्सक यह राय भी रखते हैं कि गर्भ में जुड़वां शिशु होने की दशा में इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है। मिरेकल फीट इंडिया संस्था के शाखा प्रबंधक रंजोध सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत क्लब फुट क्लीनिक की शुरूआत की गई है तथा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में यह क्लीनिक प्रत्येक शनिवार को कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि मिरेकल फीट इंडिया संस्था द्वारा बच्चों को निःशुल्क जूते भी उपलब्ध करवाएं जाएंगे। जिले के अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को इस विषय में परामर्श दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लब फुट के जितने भी रोग क्लब फुट क्लीनिक में आएंगे उनका मिरेकल फीट इंडिया संस्था तथा स्वास्थ्य विभाग की द्वारा निःशुल्क उपचार किया जाएगा। उन्होंने सोलन जिला की जनता से आग्रह किया है कि टेडे़-मेड़े पैरों के रोग से पीडि़त बच्चों को क्षेत्रीय अस्पताल सोलन लाएं ताकि उचित उपचार किया जा सके।
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