कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना क्यों है जरूरी, रिसर्च में सामने आई चौंका देने वाली जानकारी

Spread the love

नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में टीकों से प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि वे वायरस के सामने आते नये स्वरूपों से भी सुरक्षित रह सकते हैं।  एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।  अमेरिका की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी का विश्लेषण कर इनकी उत्पत्ति का पता लगाया।

अध्ययन में शामिल 63 लोगों को पिछले साल कोविड हुआ था। अनुसंधानकर्ताओं ने उन पर नजर रखी और आंकड़े बताते हैं कि समय के साथ प्रतिरक्षा तंत्र की ‘मेमोरी बी कोशिकाओं’ से उत्पन्न एंटीबॉडी की क्षमता सार्स-सीओवी-2 को समाप्त करने के लिहाज से बेहतर हुई।  ‘मेमोरी बी कोशिकाओं’ में अनेक प्रकार के एंटीबॉडी संग्रहित रहते हैं।  अध्ययन में सामने आया कि इन लोगों के अंदर वायरस के खिलाफ दीर्घकालिक सुरक्षा प्रणाली विकसित हो रही है।  अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि मॉडर्ना या फाइजर के टीके की कम से कम एक खुराक लेने वाले 26 लोगों के समूह में ये एंटीबॉडी और बढ़ गये।

देशभर में जल्‍द ही चौथा sero survey होगा, इसके अंतर्गत कुल 28 हजार सैंपल लिए जाएंगे। Sero survey 14 हजार बच्चे और 14 हजार व्यस्क (6 साल और इसके ऊपर की उम्र) के बीच होगा ये सर्वे जून से शुरू होकर इसी माह में ही खत्म होगा।  सर्वे में ग्रामीण इलाकों पर खास ज़ोर होगा।  कोरोना की थर्ड वेव, ग्रामीण इलाकों और बच्चों पर होने वाले असर के मद्देनजर ये sero सर्वे किया जा जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR इस सर्वे को लीड करेगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक