कोरोना: हिमाचल में 150 से लुढ़ककर 40 रुपये पहुंचे मशरूम के दाम

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कोरोना की हिमाचल प्रदेश के मार मशरूम उत्पादकों पर भी पड़ रही है। पिछले मई और जून महीने में 120 से 150 रुपये किलो बिकने वाली मशरूम को खरीदार अब 40 से 45 रुपये में खरीदने से भी आनाकानी कर रहे हैं। कोरोना कर्फ्यू के कारण मार्केट में मशरूम की खरीद न होने से उत्पादकों की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। मशरूम फार्म में पानी, बिजली समेत बैंक से लिए ऋण की किस्तें चुकाना भी मुश्किल हो गया है।

मशरूम लगाने की तैयारी कर रहे उत्पादकों को कच्चा माल जुटाने में भी परेशानी हो रही है। मशरूम की मांग सबसे ज्यादा शादी समारोहों और होटलों में होती है। कोरोना के कारण शादी समारोहों की धाम पर रोक है और होटल भी बंद हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 15 हजार किलो मशरूम उत्पादन से करीब 150 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इस बार मशरूम के सही दाम न मिलने से उत्पादकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।


मशरूम उत्पादकों को राहत दे सरकार

मशरूम उत्पादक विकास बनाल, विनोद ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर, भूपेंद्र और विजय समेत अन्य ने बताया कि मई, जून में मशरूम 120 से 150 रुपये प्रति किलो आसानी से बिक जाती थी। इसकी स्थानीय और बाहरी राज्यों की मंडियों में काफी डिमांड थी। अब कर्फ्यू के बीच होटल समेत शादी समारोहों पर रोक लगने के बाद मशरूम के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। मजबूरन, मशरूम 40 से 45 रुपये में बेचनी पड़ रही है। कई बार ग्राहक न मिलने से मशरूम खराब हो रही है। उन्होंने सरकार से मशरूम उत्पादकों को राहत देने की मांग की है।

ढींगरी मशरूम को सुखाकर बेच सकते हैं उत्पादक

खुंब निदेशालय चंबाघाट सोलन के निदेशक वीपी शर्मा ने कहा कि कोविड कर्फ्यू के बीच मशरूम उत्पादकों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश में 150 करोड़ से अधिक मशरूम का कारोबार होता है। इस बार 50 प्रतिशत से भी अधिक का घाटा उत्पादकों को उठाना पड़ सकता है। मशरूम उत्पादक ढींगरी मशरूम को सुखाकर स्टोर कर सकते हैं। बाद में इसका मार्केट में कारोबार किया जा सकता है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक