कोरोना के बढ़ते कहर पर सुप्रीम कोर्ट बोला- लॉकडाउन पर विचार करें केंद्र और राज्य सरकारें

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के अंदर कोरोना महामारी की लहर के मद्देनजर अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की राष्ट्रीय नीति बनाए। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किसी भी मरीज को स्थानीय निवास प्रमाण पत्र नहीं होने के आधार पर कोई भी राज्य अस्पताल में भर्ती करने या आवश्यक दवा मुहैया कराने से इनकार नहीं कर सकता है|

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र और राज्यों से कहा कि हो सके तो कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन पर विचार किया जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें सामूहिक समारोहों व सुपर-स्प्रेडर कार्यक्रमों पर रोक लगाने पर भी ध्यान दे। सुष्कीम कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने से पहले गरीब वर्ग का ध्यान रखा जाए ताकि वंचितों को परेशानी न हो। ऑक्सीजन संकट गहराता जा रहा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में ऑक्सीजन संकट गहराता जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन, कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता व मूल्य प्रणाली, आवश्यक दवाएं उचित मूल्य पर मुहैया कराने संबंधी निर्देशों व प्रोटाकॉल का पालन करे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति 3 मई की मध्यरात्रि या उससे पहले ठीक कर दी जाए। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था राज्यों से विचार-विमर्श से तैयार करे। साथ में इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन का स्टॉक और आपातकालीन ऑक्सीजन शेयर करने की जगह डिसेंट्रलाइज करे। कोर्ट ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पर अगर काबू पाना है तो केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक