कुल्‍लू में यहां 10 किलोमीटर पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहुंची पोलिंग टीम, 456 वोटर

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कुल्लू जिले में पोलिंग पार्टियां सबसे दूर 10 किलोमीटर तक का सफर कर रशोल, मझाण और शाक्टी मतदान केंद्र पहुंची। 12 नवंबर को मतदान के लिए कुल्लू में रशोल और बंजार में मझाण और शाक्टी पोलिंग बूथ में सभी तैयारियां कर ली हैं। कुल्लू से अधिकारी और कर्मचारियों सात से 10 किलोमीटर तक पैदल सफर कर यहां के लिए रवाना हो गए हैं। कुल्लू के रशोल में कुल 456 मतदाता हैं। इनमें 229 पुरुष और 227 महिला मतदाता शामिल है। जबकि शाक्टी मतदान केंद्र में कुल 96 मतदाता है इसमें 50 पुरुष और 46 महिलाएं शामिल हैं। मझाण मतदान केंद्र में 222 मतदाता है इसमें 111 पुरुष और 111 महिला मतदाता है। जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में कुल 568 मतदान केंद्र में 3,31,500 मतदाता शामिल है। इसमें मनाली में 111, कुल्लू में 157, बंजार में 155, आनी में 145 मतदान केंद्र शामिल हैं। कुल्लू विधानसभा में एक ट्रांसजेंडर मतदाता भी शामिल है।

जिले में मतदान प्रक्रिया में 2272 कर्मचारी व अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 328 अधिकारियों और कर्मचारियों को रिजर्व में रखा है। जिला में पांच से सात किलोमीटर पैदल चलकर जाने वाले नौ पोलिंग बूथ ऐसे हैं जहां पर कम समय लगता है। इसमें कुल्लू का तिऊन, समालंग, शीलग्रां, काउआ, नकथान, ग्राहण, बंजार का बढेयिता, बागीकशाड़ी, मैल मतदान केंद्र शामिल है। कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में 23 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां पर तीन से पांच किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता है। इसमें कडिचा, टंडारी, फलाण, जिंदी, शिलाग्रां, ग्रामंग-दो, नैना सेरी, बांसु, जनाहल, बुआई, चेष्ठा, जछणी, कश्लादी, कालोनपधर, ब्रारणा,  लपाह, थाहुक,फागु, पुंथल, हुरला, शांगचन, चोझ, शिल्हा शामिल है। मनाली  विधान सभा में एक मात्र शरणागे मतदान केंद्र है। बंजार में सात केंद्र जिसमें सीस, ऊर्सू, नझाण, श्रीकोट, शलाहणु, बशिर, दारण शामिल है। आनी में जुआगी, शागई, काशाल, कथांडा मतदान केंद्र शामिल है।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक