उत्तराखंड में इंद्र देवता कहर बनकर बरस रहे हैं। बीते 48 घंटे से हो रही बारिश ने कहर मचा दिया है। खासकर कुमाउं क्षेत्र में बारिश तबाही मचा रही है। यहां पहाड़ी क्षेत्रों में जनहानि के साथ ही अन्य स्थानों से संपर्क टूट गया है। वहीं मैदानी क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। जानकारी आ रही है कि नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के एक गांव में मकान जमींदोज होने से नौ लोगों के मौत की हो गई है। वहीं रास्ते में जगह-जगह मलबा आने के कारण मौके पर अभी प्रशासन या एसडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची सकी है। उधर रामनगर के एक रिसॉर्ट में पानी घुस गया है। बताया जा रहा है रिसॉर्ट के अंदर करीब सौ लोग फंसे हैं। भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया है। वहीं अल्मोड़ा जिले में एक मकान पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन लोगों की दबकर मौत हो गई है। अल्मोड़ा नगर में भी मकान की दीवार गिरने से किशोरी की दबकर मौत हो गई। बागेश्वर जिले में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खीनापानी क्षेत्र में मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत हो गई है।
अभी तो जो जानकारी सामने आ रही है उसमें 17 लोगों के मौत की खबर है। वहीं नैनीताल का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है। नैनीताल झील का पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर करीब सौ मीटर का संटिंग नेक गौला नदी में बह गया। जलभराव के कारण ट्रेनों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। पहाड़ के दर्जनों मार्ग मलबा आने के कारण बंद हो गए हैं। उधर पिथाैरागढ़ जिले में बारिश से कई सड़क अवरूद्ध हो गए है।
रूद्रपुर में सोमवार को दिनभर हुई बरसात के बाद शाम को अचानक कल्याणी नदी उफान पर आ गई। इसके चलते कल्याणी नदी किनारे स्थित जगतपुरा, मुखर्जीनगर, शिवनगर, भूतबंगला, रविंद्रनगर, संजयनगर के निचले क्षेत्रों में पानी घुस गया। इन बस्तियों की गलियां लबालब होने के साथ ही बाढ़ का पानी घरों में घुस गया।
इससे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। आवास विकास, इन्द्रा काॅलोनी व सिडकुल क्षेत्र व जयनगर क्षेत्र भी जलमग्न हो गए हैं। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हाे गया है। मेयर रामपाल सिंह ने बताया कि कल्याणी नदी से सटी बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। शहर के मुख्य बाजार, सिब्बल सिनेमा रोड, काशीपुर बाइपास सहित अन्य जगहों पर सड़कें पानी से लबालब हो गई। इसके चलते पानी कईं दुकानों के भीतर घुस गया।
पिथाैरागढ़ का शेष दुनिया से संपर्क कटा, उच्च क्षेत्रों में हिमपात
पिथौरागढ़ जिलेभर में भारी बारिश का दौर जारी है। उच्च हिमालय में हिमपात हो रहा है। उच्च हिमालयी सभी गाव बर्फ से ढक चुके हैं। टनकपुर तवाघाट हाइवे घाट से तवाघाट के मध्य एक दर्जन स्थानों पर बंद है। घाट से पिथौरागढ़ के मध्य तीन स्थानों पर मार्ग बंद है। सोमवार सुबह से भारी संख्या में वाहन और यात्री फसे हैं। जिले का अन्य जिलों से ओर जिला मुख्यालय का अन्य तहसीलो से संपर्क कटा हुआ है। सभी नदी नाले उफान पर है। मुनस्यारी के मालूपाती ओर पिथौरागढ़ के क्वीताड़ गाव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है। जिले में अभी तक जन ओर पशुहानि की कोई सूचना नही है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ली उत्तराखंड में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर बात कर उत्तराखंड में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राहत कार्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों को भी सक्रिय करने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार सुबह दूरभाष पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
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