कलगीधर ट्रस्ट के संपादक बाबा पदमश्री इकबाल सिंह ने बडू साहिब में त्यागे प्राण

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पदमश्री की घोषणा के महज 3 दिन बाद ही संत बाबा इकबाल सिंह ने 96 साल की उम में संसार को त्याग दिया है। करीब एक माह से चंडीगढ़ के फोर्टिज अस्पताल में उपचाराधीन थे। शुक्रवार को ही वो बडू साहिब पहुंचे थे। ताउम सात्विक व सेवाभाव का जीवन जीने वाले पदमश्री बाबा इकबाल सिंह जी की अंत्येष्टि सोमवार को दोपहर 1 से 2 बजे के बीच बडू साहिब गुरुद्वारा के सामने ही होगी।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक बाबा इकबाल सिंह जी ने दोपहर 3 बजे के आसपास संसार को अलविदा कहा। शिरोमणि पंथ बाबा इकबाल सिंह जी के शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान को अगली कई पीढ़ियां याद रखेंगी। बता दें कि गणतंत्र दिवस कर पूर्व संध्या पर ही संत बाबा इकबाल सिंह जी को पदमश्री से नवाजे जाने की घोषणा हुई थी। कलगीधर ट्रस्ट के संपादक बाबा इकबाल सिंह जी ने 1975 में बडू साहिब में मिट्टी के गारे से एक छोटा सा गुरुद्वारा बनाया था, जो आज संभवतः आज एशिया में अपनी तरह का पहला ही होगा। बाबा को समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के निदेशक के पद से सेवानिवृत बाबा इकबाल सिंह का जन्म 1 मई 1926 को हुआ था।

गौरतलब है कि आज कलगीधर ट्रस्ट द्वारा देश भर में 129 अकादमियों व दो विश्वविद्यालयों को संचालित किया जा रहा है। संत इकबाल सिंह जी के फॉलोअर्स दुनिया भर में फैले हुए हैं. लेकिन वो बडू साहिब में ही रहना पसंद करते थे। जीवन की अंतिम सांस भी बाबा इकबाल सिंह ने बडू साहिब में ही ली। उल्लेखनीय है कि एटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब ने देश व विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कलगीधर ट्रस्ट के पीआरओ जसप्रीत ने दुखद खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि अंतिम दर्शनों को लेकर खाका तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार की दोपहर से 2 बजे के बीच में अंत्येष्टि की जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक