कर्ज में डूबे प्रदेश पर अपनी सत्ता बचाने के लिए आर्थिक बोझ डाल रही कांग्रेस सरकार : राकेश जमवाल

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शिमला, सुंदरनगर से भाजपा विधायक व मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने सीएम ठाकुर सुखविंद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस में खुलकर कलह मची हुई है।कभी कैबिनेट मीटिंग से मंत्री नाराज होकर बाहर निकलते हैं तो कभी कैबिनेट मीटिंग ही रद्द कर दी जाती है। जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद इस बात को कहते हैं कि 80 प्रतिशत विधायक उनके संपर्क में हैं।इसका अर्थ साफ है कि 20 प्रतिशत विधायक सुखविंदर सिंह को मुख्यमंत्री नहीं मानते। कांग्रेस के इसी कलह से लगता है कि सरकार में भारी फूट है और सरकार जल्द ही अपने ही भार से डूब जाएगी।

विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि केवल गुटबाजी ही नहीं इस पूरे प्रकरण में जनता पीड़ित है व जिस प्रकार इन विधायकों के गृह क्षेत्र में कांग्रेस सरकार लोगों को उकसा कर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था खराब कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री की विधायकों को जो शब्दावली प्रयोग में लायी वह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।

विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए सुक्खू सरकार में जिस तरह ताजपोशियां की जा रही सरकार यह बताए कि अभी तक तो आपके पास प्रदेश चलाने के लिए हिमाचल सरकार के पास पैसा नहीं था, पर आज ज़ब अपने हाथ से सत्ता खिसकती दिख रही तो हर उस विधायक जो उन्हें खिसकता दिख रहा,उन्हें कैबिनेट रैंक से नवाजा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार को लताड़ते हुए कहा कि अगर कॉंग्रेस सरकार में आपसी सांमजस्य नहीं है तो उसका भुगतान प्रदेश की भोली भली जनता क्यों करें ? गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लोगों को झूठी गारंटीयों के दीवास्वप्न दिखा कर बनी है। आज कर्ज में डूबा प्रदेश किस प्रकार इन कैबिनेट रैंक भर्तियों का बोझ उठायगा इस पर भी मुख्यमंत्री कोई विचार कर रहे हैं या नहीं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक