ऐसा भी होता है, सीट बेल्ट नहीं बांधा था, इसलिए काटा स्कूटी चालक का चालान

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ऊना :-

पुलिस की लापरवाही की कई घटनाएं अब तक सामने आ चुकी है। कई बार पुलिस पर जानबूझकर कार्रवाई न करने के आरोप भी लगते रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि पुलिस हर बार लापरवाही से ही कार्य करेगी, पर कभी कभी उनसे गलती भी हो जाती है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें यह कहना फिलहाल मुश्किल है कि यह गलती है या लापरवही। खैर मामला यह है कि ऊना की गगरेट पुलिस ने एक व्यक्ति का चालान किया। चालान करने के लिए पुलिस ने चार कारण बताए, जिनमें हेलमेट न लगाना, खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना, पुलिस के द्वारा रोके जाने पर गाड़ी ना रोकना और सीट बेल्ट ना बांधना था।

स्कूटी चलाते हुए कोई भी चालक सीट बेल्ट कैसे बांध सकता है, इसका जवाब कुछ मुश्किल है। यह सही है कि इस लॉकडाउन के दौरान हर नागरिक को कोविंड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और पुलिसवालों को भी चाहिए कि वे लॉकडाउन का पालन सख्ती से करवाएं। लेकिन जिस स्कूटी चालक का चालान काटा गया है, वह मेडिकल पेशे से जुड़ा है और सरकार की ओर से इस लॉकडाउन में इस पेशे को छूट दी गई है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर कोई भी चालक स्कूटी पर सीट बेल्ट कैसे लगाए? जाहिर है इस तरह के चालान से पुलिस की मंशा और कार्यशैली दोनों पर सवाल उठते हैं।

 

हालांकि पुलिस का दावा है कि ये मोबाइल ऐप से काटा गया चालान है। चूक से सीट बेल्ट का ऑप्शन क्लिक हो गया। उधर, डीएसपी अंब सृष्टि पांडे ने बताया कि आजकल चालान मोबाइल एप से होते हैं, तो जब ऑप्शन सेलेक्ट किया तो साथ में सीट बेल्ट का ऑप्शन भी क्लिक हो गया होगा, लेकिन कोर्ट में इसे सही करके ही भेजा गया है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक