एक सप्ताह से चाकू लेकर घूम रहा बंदर, उस पर रोज लगाता है धार, लोगों ने घरों से निकलना किया बंद …..

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पुरानी कहावत है कि बंदर के हाथ उस्तरा नहीं लगना चाहिए। इस कहावत का मतलब यह है कि मूर्ख व्यक्ति के हाथ कोई शक्ति या अधिकार नहीं आना चाहिए क्योंकि अपनी मूर्खता के वशीभूत वह उसका सदुपयोग न करके दुरुपयोग कर सकता है जिसका परिणाम उसके लिए ही नहीं, समाज और दूसरों के लिए भी हानिकारक हो सकता है। कहने को तो ये एक कहावत है लेकिन जब यह हकीकत बनी तब शहर में कोहराम मच गया।

चाकू पर देता है ताव
मामला ब्राजील के पियाउई शहर का है जहां एक पार्क में बंदर चाकू लेकर पहुंच गया। बंदर के हाथ में चाकू का एक फुटेज भी दिख रहा है। इस फुटेज में बंदर एक शॉपिंग सेंटर की बालकनी में अपने चाकू पर ताव देता नजर आ रहा है। चाकू पर ताव देने के बाद वह बंदर आते-जाते लोगों को चाकू से डराता नजर आ रहा है।

एक सप्ताह से चाकू लेकर घूम रहा बंदर

मेट्रो अखबार की खबर के मुताबिक इस वीडियो को स्थानीय एलेसांद्रो गुएरा ने रिकॉर्ड किया है। गुएरा ने कहा कि इस बंदर को लगभग एक सप्ताह पहले चाकू हाथ लगा। वह तभी से लोगों को परेशान कर रखा है। चाकू से वह घरों के छत पर पहुंच जाता है और वहां रखी चीजों को काट कर बर्बाद कर देता है। हालांकि उसने किसी व्यक्ति को इससे नुकसान नहीं पहुंचाया है मगर वह लोगों को इससे डराता जरूर है।

घर से बाहर निकलने से डरते हैं लोग
एलेसांद्रो ने बताया कि यह चाकू बंदर की आकार से कुछ ही छोटा है। इस चाकू की मदद से वह पूरे शहर में अपना खौफ बनाए हुए है। एलेसांद्रों के मुताबिक कई लोगों को यह मजाकिया लगता है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया है। शहर के पर्यावरण विभाग को इसकी सूचना काफी पहले ही दे दी गई है लेकिन उसके पास इस जानवर को जब्त करने की सुविधा नहीं है।

पुलिस ने बंदर पकड़ने का दिया आश्वासन
पर्यावरण पुलिस के मुताबिक जहाँ यह सुविधा है वह टेरेसीना प्रांत है। जो कि पियाउई से 403 मील दूर है। हताश स्थानीय लोगों ने ब्राजील के पर्यावरण और नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन संस्थान से संपर्क करने की कोशिश की है। जिसके बाद उन्हें जल्द ही बंदर को पकड़ लेने का आश्वसान दिया गया है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक