उद्योग मंत्री ने नाहन के सर्किट हाउस में सुनीं समस्याएं

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उद्योग, संसदीय मामले,श्रम रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने रविवार को नाहन के सर्किट हाउस में आस-पास के क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं  एवं मांगों को सुना। इस अवसर पर लोगों द्वारा उद्योग मंत्री के सम्मुख बिजली, पानी, सड़क निर्माण सम्बन्धी समस्याएं एवं मांगों को रखा गया। इनमे से अधिकांश  समस्याओं का मौके पर निपटारा किया गया तथा शेष समस्याओं व मांगो का शीघ्र समाधान करने के लिए  संबंधित विभागों  को निर्देश दिए गए।इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि  विकास की गति रुकनी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र की उन्नति उसके विकास पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि  सीमित संसाधन होने के बावजूद भी प्रदेश सरकार जनहित कार्य में कोई कमी नहीं आने दे रही है गत वर्ष व हाल ही में प्रदेश में आई आपदाओं के कारण हुई क्षति की भरपाई करने के साथ-साथ विकासात्मक योजनाओं को क्रियान्वित किया गया तथा आम जनमानस की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाया जा रहा है।

उन्होनें  कहा कि प्राकृतिक खेती  को बढ़ावा  देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 150 करोड रुपए  की हिम-उन्नति योजना चलाई  जा रही है जिससे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा  मिलने के साथ-साथ प्रदेश के किसान वर्ग को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बेसहारा और अनाथ बच्चों को सहारा देने  के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना क्रियान्वित की गई है जिसके तहत अनाथ बच्चों के भरण-पोषण, आवास से लेकर उनकी शिक्षा तक का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा  वहन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को कोचिंग और छात्रावास शुल्क के रुप में हर साल एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी और अनाथ बच्चों को कोचिंग के दौरान हर माह चार-चार हजार रुपए की छात्रवृति भी प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित स्थानीय लोग भी उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक