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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत लोहड़ी के पर्व पर कार्यक्रम आयोजित

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भाषा एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान  में “आजादी का अमृत महोत्सव ” के तहत लोहड़ी पर्व एवं स्वामी विवेकानंद  के सिद्धांतों पर आज ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए । 

जिला भाषा अधिकारी तूकेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम के तहत स्वामी विवेकानंद  के सिद्धांतों पर परिचर्चा  के साथ मुसादा गायन एवं लोकसंगीत प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया गया  उन्होने बताया कि  परिचर्चा का आयोजन गूग्गल मीट  तथा मुसादा गायन एवं लोकगीतों का आयोजन भाषा एवं संस्कृति विभाग के फेसबुक पेज के माध्यम से किया गया ।

 परिचर्चा में भाग लेते हुए  ज़िला के वरिष्ठ साहित्यकारों में अशोक दर्द ने लोहड़ी के अवसर पर बच्चों द्वारा गए जाने वाले लोकगीतों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला वहीं  वरिष्ठ साहित्यकार भूपेन्द्र जसरोटिया ने सोलहवीं शताब्दी से चम्बा नगर में मनाई जा रही लोहड़ी पर्व से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की ।

 वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष साहिल ने लोहड़ी पर्व को कविता के माध्यम से बड़े खूबसूरत अंदाज में बखान किया । इसी तरह आशीष बहल ने लोरी के माध्यम अपनी बात रखी । युद्धवीर टण्डन ने प्रस्तुतीकरण  के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के  विचारों पर सारगर्भित बिंदुओं पर प्रकाश डाला । इसके उपरांत कवि एम आर भाटिया ने तरानुम में लोहड़ी पर्व को बखूबी बयान किया ।

इस दौरान मोनिका , उपासना पुष्प, शाम अजनबी , महाराज परदेसी, विक्रम कौशल,उत्तम सूर्यवंशी, नेहा , शालनी, मधु, शाम सिंह सूर्यवंशी  ने  भी परिचर्चा में भाग लिया  कार्यक्रम के दूसरे सत्र में  प्रसिद्ध  कलाकार अवतार और बुधलो द्वारा मुसादा गायन प्रस्तुत किया गया । 

प्रसिद्ध संगीतकार एवं प्रवक्ता  गुलशन पाल द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम को खूब सराहा गया । कार्यक्रम को  भाषा एवं संस्कृति विभाग के फेसबुक पेज पर प्रसारित किया गया । जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा ने बताया कि कोरोना  महामारी से एहतियातन   विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन ऑनलाइन  किया जा रहा है ।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक