अब बहू- दामाद को भी रखना होगा बुजुर्गों का ध्यान, नहीं तो होगी 6 महीने की जेल

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अब बहू- दामाद को भी रखना होगा बुजुर्गों का ध्यान
अब बहू- दामाद को भी रखना होगा बुजुर्गों का ध्यान

बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए सरकार कुछ अहम कदम उठाने जा रही है। सरकार ने मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 (Maintenance and Welfare Senior Citizens Act) के तहत बुजुर्गों का ख्याल रखने वालों की परिभाषा को और विस्तार दिया है। नए नियम में माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सिनियर सिटिजन हों या नहीं।

उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुतबिक इस अधिनियम में 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म किया जा सकता है। वहीं बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की शिकायत करने पर उन्हें 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है। देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव कर इसमें घर और सुरक्षा भी शामिल किया गया है। देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, अभिभावकों, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा।

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