अब तक 1117 लावारिस शवों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित कर चुके है शांतनु

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हमीरपुर / रजनीश शर्मा
हमीरपुर के प्रसिद्ध समाजसेवी शांतनु के जुनून को कोरोना काल भी विचलित न कर पाया। शांतनु अब तक 1117 लावारिस शवों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित कर चुके हैं। उनके मोबाईल नंबर‭ 9418096502‬ पर लगातार लावारिस शव मिलने की सूचना पुलिस प्रशासन व आम जनता से मिलती रहती है।

गौरतलब है कि शांतनु आज तक 1117 लावारिस शवों की अस्थियों को हरिद्वार गंगा में बहा चुके हैं। लॉक डाउन के बाद हरिद्वार गये और उन्होंने 8 लावारिस शवों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया।

20 साल से जारी है पुनीत कार्य

वह स्वयं अपने ख़र्च पर यह पुनीत कार्य कर रहे हैं। वह लावारिस शवों के विधिवत अंतिम संस्कार के बाद अस्थयों को इकट्ठा करके हरिद्वार में जाकर कर्मकांड की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। शांतनु लावारिस शवों को कर्मकांड प्रक्रिया का कार्य पिछले 20 सालों से करते आ रहे हैं। यह इस काम के लिए किसी से भी मदद नहीं मांगते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें समाज सेवा का शौक बचपन से ही था। यह शौक उन्हें आगे चलकर लोगों की मदद करने में सहायता करता है, परंतु बाद में अचानक लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां विसर्जित व कर्मकांड करने की इच्छा प्रबल हुई और उसी के बाद उन्होंने अपने मन में यह विचार लाया कि हिमाचल में कहीं भी लावारिस शवों के बारे में पता चलता है तो वह तुरंत उनका अंतिम संस्कार और कर्मकांड करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें उन्हें खुशी मिलती है।

जब तक जिंदा जारी रहेगी समाज सेवा : शांतनु

शांतनु ने कहा कि जब तक वे जिंदा हैं, समाज सेवा करते रहेंगे और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार और कर्मकांड की प्रक्रिया करते रहेंगे। शांतनु ने लोगों से आग्रह किया है कि उनके क्षेत्र में अगर कोई भी लावारिस शव पाया जाता है तो अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां उन्हें भेज दें, ताकि उन दिवंगत आत्माओं की गति की जा सके और इस पुण्य काम के भागीदार बनें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक