अफीम व चरस के दोषी को 3 वर्ष का कारावास,15000 जुर्माने की सजा

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3 years rigorous imprisonment for the accused of molesting a teenager |  किशोरी से छेड़छाड़ के अभियुक्त को 3 वर्ष का कठोर कारावास | Patrika News

सिरमौर के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने चरस व अफीम रखने की दोषी ज्योति स्वरूप को 3 वर्ष का कारावास तथा 15000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि दोषी ज्योति स्वरूप के पास से पुलिस ने 235 ग्राम चरस और 301 ग्राम अफीम के बरामद की थी। ज्योति स्वरूप पुत्र किशन चंद निवासी  यशवंतनगर, तहसील राजगढ़, जिला  सिरमौर का रहने वाला है। दोषी को तीन वर्ष के साधारण कारावास तथा 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई  है। एक अन्य धारा में दोषी को दो साल के कठोर कारावास और रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।  जुर्माना अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

जिला न्यायवादी  चंपा सुरील ने बताया कि  06 फरवरी 2018 को एएसआई कश्मीर सिंह पुलिस अधिकारियों के साथ पेट्रोलिंग ड्यूटी और ट्रैफिक चेकिंग के सिलसिले में यशवंतनगर की ओर बढ़े थे।  शाम करीब साढ़े पांच बजे जब वे सनौरा में मौजूद थे और ट्रैफिक चेक कर रहे थे। तो उन्हें गुप्त सूचना मिली कि ज्योति स्वरूप यशवंतनगर में अपनी रेडीमेड कपड़ों की दुकान में चरस और अफीम बेचने का धंधा कर रहा है।  इसके बाद पुलिस दल ने यशवंतनगर बाजार स्थित ज्योति स्वरूप की दुकान पर पहुंच गया, जो उसकी दुकान पर बैठा था।  आरोपी की कुर्सी के सामने लकड़ी का एक काउंटर था, जिसमें तीन दराज थे।  पहले दराज की जांच करने पर पुलिस को एक हरे रंग का कैरी बैग मिला। जिसमें 235 ग्राम चरस और 301 ग्राम अफीम के दो पालीथीन बैग थे। पुलिस ने मामले में छानबीन करने के बाद अदालत में चालान पेश किया। अदालत ने 12 गवाहों व सबूतों के आधार पर ज्योति स्वरूप को चरस व अफीम बेचने का दोषी पाया। जिस पर उसे 3 वर्ष का कारावास व 15000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक