अंतरराज्यीय चिट्टा तस्करी नेटवर्क से संलिप्तता का खुलासा,एक सरकारी अधिकारी और एक महिला गिरफ्तार
राजधानी शिमला में नशा तस्करी के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक सरकारी अधिकारी और एक महिला को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मंगलवार को हुई और इसमें चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि ये दोनों आरोपी अंतरराज्यीय चिट्टा तस्करी नेटवर्क से जुड़े हुए थे और मुख्य सरगना के साथ बैंक लेनदेन में शामिल थे।गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान तहसील कल्याण अधिकारी मुकुल चौहान निवासी भराड़ी, शिमला और महिला अंकिता नेगी निवासी मल्याणा शिमला के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 20 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों के बैंक खातों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनसे यह स्पष्ट हो रहा है कि वे नशा तस्करी नेटवर्क के आर्थिक लेनदेन का हिस्सा थे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये आरोपी स्वयं नशे के आदी थे या केवल तस्करी में शामिल थे।
यह मामला और भी गंभीर इसलिए है क्योंकि इसमें एक सरकारी अधिकारी की संलिप्तता सामने आई है। मुकुल चौहान की गिरफ्तारी ने राज्य सरकार को भी सतर्क कर दिया है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी कब से इस गिरोह के संपर्क में थे और किस तरह से लेनदेन कर रहे थे। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में लगभग 400 लोग शामिल हैं जो अलग-अलग राज्यों से नशे की खेप लाकर हिमाचल में सप्लाई करते थे। कुछ समय पहले पुलिस ने संदीप शाह को कोलकाता से गिरफ्तार किया था जो इस गिरोह का मुख्य सरगना था। इसके बाद इस मामले की परतें खुलती गईं। जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए थाना सदर बुलाया था, जिसके बाद मुकुल चौहान और अंकिता नेगी की गिरफ्तारी हुई।