हिमाचल में कॉलेज विद्यार्थियों के बनेंगे ऑनलाइन बस पास, सॉफ्टवेयर तैयार

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हिमाचल प्रदेश में कॉलेज विद्यार्थियों के ऑनलाइन बस पास बनाने के लिए एचआरटीसी की ओर से बनाए गए साॅफ्टवेयर का ट्रायल सफल रहा है। निगम प्रबंधन सबसे पहले राजधानी शिमला के विद्यार्थियों को यह सुविधा उपलब्ध करवाने जा रहा है। दूसरे चरण में प्रदेश के सभी कॉलेजों के छात्रों को यह सुविधा मिलेगी। पास बनाने के लिए अब विद्यार्थियों को कक्षाएं छोड़कर घंटों कतारों में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश में एचआरटीसी के सभी 60 पास काउंटरों को ऑनलाइन करने की योजना है।

ऑनलाइन बस पास बनाने की सुविधा शुरू करने के लिए वीरवार को शिमला के कॉलेज प्रबंधनों के सामने ट्रायल किया गया। कॉलेज प्रतिनिधियों को सॉफ्टवेयर की जानकारी भी दी गई। शिमला के सेंट बीड्स, संजौली, कोटशेरा, संस्कृत कॉलेज फागली, सांध्यकालीन कॉलेज, आरकेएमवी के प्रतिनिधियों ने एचआरटीसी की पहल पर सहयोग का आश्वासन दिया। इस मौके पर एचआरटीसी के महाप्रबंधक पंकज सिंघल, मंडलीय प्रबंधक शिमला पवन शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल विनोद शर्मा मौजूद रहे। निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि कॉलेज छात्रों को बस पास ऑनलाइन बनाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

ऐसे बनेगा ऑनलाइन बस पास
विद्यार्थियों को ऑनलाइन बस पास बनाने के लिए एचआरटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर जाना होगा। यहां दिया गया फार्म भरना होगा। इसके साथ ही विद्यार्थी को फोटो और कॉलेज पहचान पत्र भी अपलोड करना होगा। इसके बाद विद्यार्थी का फार्म काॅलेज प्रधानाचार्य तक पहुंच जाएगा। प्रधानाचार्य के सत्यापन करने के बाद आवेदन संबंधित क्षेत्रीय प्रबंधक के पास आएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद विद्यार्थी को एसएमएस से सूचना दी जाएगी। पास का किराया विद्यार्थी ऑनलाइन जमा करवा सकेंगे। इसके बाद पास डाउनलोड करने के लिए विद्यार्थी की मेल पर लिंक भेजा जाएगा। लिंक के जरिए पास को डाउनलोड और प्रिंट किया जा सकेगा।

क्यूआर कोड से भी मिलेगी पास की जानकारी
एचआरटीसी ने ऑनलाइन बस पास में क्यूआर कोड की सुविधा भी दी है। परिचालक क्यूआर कोड को स्कैन कर भी विद्यार्थी के बस पास के सत्यापन की जांच कर सकता है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर विद्यार्थी की फोटो, कॉलेज पहचान पत्र और पास की वैधता का पता चलेगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक