हमारे देश में कई तरह का नमक उपयोग में लाया जाता है। जिसमें समुद्री नमक, काला नमक और सेंधा नमक, आज हम आपको सेंधा नमक के गुणों से रूबरू करवाते हैं। उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि आदि नामों से जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’ नमक। इस क्षेत्र में नमक के पहाड़ है। वहीं से ये नमक आता है। ये नमक पत्थरों के टुकड़ो के रूप मे में पाया जाता है। आजकल पीसा हुआ भी मिल जाता है।
इस नमक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। सेंधा नमक ह्रदय के लिये उत्तम, पाचन को दुरुस्त रखने वाला, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का होता है । सेंधा नामक आजादी से पहले से उपयोग में लाया जाता रहा है। लेकीन पैकट के समुद्री नमक को बेचने के चक्कर में सेंधा नमक कहीं पीछे छूट गया। आज जब पैकेट के नमक को खाने से बीमारियां मनुष्य शरीर में घर कर रही हैं तो लोग वापिस सेंधा नमक का उपयोग कर रहें हैं।
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