
वित्तमंत्री के पति की सरकार को सलाह, मंदी से निपटने के लिए नरसिम्हा राव व सिंह की आर्थिक मॉडल को अपनाए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व संचार सलाहकार पराकला प्रभाकर ने भी माना कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए मोदी सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने मोदी सरकार को 1991 की पीवी नरसिम्हा राव सरकार के आर्थिक मॉडल अपनाने की सलाह दी है।
एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में प्रभाकर ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास इस संकट से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं है। उन्होंने लेख में लिखा कि मोदी सरकार को राव और मनमोहन सिंह की तरफ से अपनाए गए आर्थिक मॉडल को ‘गले लगाना चाहिए। प्रभाकर ने अपने लेख में साल 1991 में बिगड़ी अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भी जिक्र किया है। उल्लेखनीय है उस समय में पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे।

प्रभाकर ने लिखा कि भारतीय निजी उपभोग में गिरावट आई है और यह 18 महीने के निचले स्तर 3.1 फीसदी तक पहुंच गया है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर पर 5 फीसदी पर पहुंच गई है, बेरोजगारी दर 45 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गई है। उन्होंने लिखा कि भाजपा नेहरूवादी ढांचे की आलोचना करती रही है लेकिन वह इसका विकल्प नहीं पेश कर पाई है। उन्होंने यह भी लिखा कि पार्टी को पहले आभास हो गया था इसलिए भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में अपने आर्थिक प्रदर्शन की कोई बात नहीं की और समझदारी के साथ एक दृढ़ राजनीतिक, राष्ट्रवादी, सुरक्षा का एजेंडा पेश किया।

उन्होंने लिखा कि अगर अभी भी मोदी सरकार राव और मनमोहन की नीतियों को अपना ले तो देश की अर्थव्यवस्था सुधर सकती है। बता दें कि प्रभाकर हैदराबाद की एक निजी कंपनी राइट फोलियो के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। विपक्ष पहले ही आरोप लगाती आ रही है कि मोदी सरकार से देश की अर्थव्यवस्था संभल नहीं रही है जिससे कई छोटे व्यवसाय बंद हो गए और कई लोगों की नौकरियां चली गईं।
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