लद्दाख में बनाएगे 5 नए जिले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया ऐलान

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मोदी सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नए जिले बनने से लद्दाख के लोगों को फायदा होगा.

मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नए जिले बनने से लद्दाख के लोगों को फायदा होगा. शाह ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.शाह ने ट्वीट कर कहा, गृह मंत्रालय ने लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का निर्णय लिया है. पीएम मोदी के विकसित और समृद्ध लद्दाख बनाने के दृष्टिकोण के तहत यह फैसला लिया गया है. नए जिलों में जास्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग शामिल हैं.

लद्दाख में पहले दो ही जिले थे, अब 7

साल 2019 में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया था और इसे एक नया केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. उस समय केंद्रशासित प्रदेश में सिर्फ दो जिले ही थे- लेह और कारगिल. वहीं, अब लद्दाख में पांच और नए जिले (जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग) बन गए हैं.

पीएम मोदी ने बताया बेहतर कदम

पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण बेहतर प्रशासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है. जास्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग पर अब अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सेवाएं और अवसर लोगों के और भी करीब आएंगे. वहां के लोगों को बधाई.

2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना लद्दाख

1979 में लद्दाख को कारगिल और लेह जिलों में बांटा गया था. 1989 में बौद्धों और मुसलमानों के बीच दंगे हुए थे. 1990 के ही दशक में लद्दाख को कश्मीरी शासन से छुटकारे के लिए लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल का गठन हुआ और 5 अगस्त 2019 को यह केंद्र शासित प्रदेश बन गया. लद्दाख भारत में सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है.

चीन-PAK की सीमा से सटा है लद्दाख

चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे लद्दाख को रणनीतिक और रक्षा के दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है. लद्दाख की सीमाएं पूर्व में तिब्बत से, दक्षिण में लाहौल और स्पीति से, पश्चिम में जम्मू कश्मीर व बाल्टिस्तान से और उत्तर में जिनजियांग के ट्रांस कुनलुन क्षेत्र से मिलती हैं

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक