रोटरी सोलन ने किया पर्यावरणविद्ध अधिराज बरुआ का सोलन पहुंचने पर स्वागत

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रोटरी क्लब सोलन ने आज झारखंड के जमशेदपुर से आए अधिराज बरुआ का सोलन पहुंचने पर स्वागत किया। बरुआ राष्ट्रीय एकता और विश्व शांति का संदेश देने के लिए झारखंड से साइकिल पर भारत भ्रमण पर निकले हैं।बरुआ शिमला से होते हुए आज सोलन पहुंचे। जहां चिल्ड्रन पार्क के पास वो लोगों को राष्ट्रीय एकता विश्व शांति के साथ पर्यावरण का संदेश देते नजर आए। अपनी यात्रा में वो अब तक 20 राज्यों का सफर कर चुके हैं। अधिराज ने झारखंड के जमशेदपुर के टाटा नगर से 1 अक्टूबर 2021 से अपनी यात्रा शुरू की थी।अब तक उड़ीसा, छेतीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरला, कर्नाटक, गोवा से महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर से होते हुए हिमाचल का भ्रमण कर चुके है। सोलन से उत्तराखंड, उतर प्रदेश होते हुए वापिस झारखंड जाएंगे। अधिराज अपनी यात्रा के दौरान एनजीओ की मदद के साथ गाना गा कर लोगों से पैसे एकत्रित कर रहे है। उन्होंने कहा कि भारत भ्रमण की ये प्रेरणा पिता से मिली है। पिता आलोक भी 25 वर्ष की उम्र में 1987 में साइकिल से पूरे देश का भ्रमण कर चुके हैं। जिससे प्रेरित होकर वह भी भारत भ्रमण पर निकले है। इस यात्रा के दौरान पूरे भारतवर्ष में लगभग 22000 किमी साइकिल चलाने का लक्ष्य है।

रोटरी क्लब सोलन के प्रधान अनिल चौहान ने बताया कि सभी राज्यों की राजधानी में जा कर लोगों को नेशनल इंटीग्रेशन, वर्ल्ड पीस, पॉल्यूशन कंट्रोल के मोटिव को लेकर भारत में जागरूकता फैलाने के लिए भारत भ्रमण पर निकले है। शहरों के अलग-अलग एनजीओ से मिल रहे है। लोगों को राष्ट्रीय एकता के साथ पर्यावरण का संदेश दे रहे है।चौहान ने बताया कि प्रदूषण पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। बढ़ते ट्रैफिक और घर से रोजाना इतना कचरा निकलता है कि उसको रखने के लिए जगह नहीं है। वहीं, सड़कों पर इतनी धूल, डस्ट है कि आज हर दूसरे व्यक्ति को सांस की समस्या है। इसको लेकर साइकिल से पूरे देश की यात्रा कर पर निकले है ताकि लोग साइकिल के महत्व को जानें और ज्यादा साइकिल चलाएं

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक