रामस्वरूप संदिग्ध मौत मामले में विपक्ष का सदन में हंगामा, वाकआउट

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मंगलवार को हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य खड़े होकर हंगामा करने लगे। भाजपा सांसद रामस्वरूप की संदिग्ध मौत मामले में जांच पर अड़ी कांग्रेस ने इस मामले पर नियम 67 में सारा काम रोककर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि बगैर नियम के इस तरह से बोला नहीं जा सकता। 

विधानसभा में विपक्ष ने किया वाकआउट।

इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि रामस्वरूप शर्मा मंडी से थे और उनके ही दल से संबंधित थे। रामस्वरूप शर्मा की मृत्यु के बाद वह बहुत विचलित हुए। यह दुखद देहांत दिल्ली में हुआ है। राज्य के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। दिल्ली में जांच की प्रक्रिया जारी है। वह उनके परिवारवालों से भी मिले हैं।


सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बारे में महज एक बयान उनके बेटे की ओर से मीडिया में आया है। उन्होंने खुद रामस्वरूप शर्मा के परिवारवालों से बात की है कि इस बारे में वह कुछ और करवाना चाहते हैं तो सरकार उनका साथ देगी। लेकिन परिजनों ने इस संबंध में कोई भी बात नहीं की है।

किन्नौर के कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि चार महीने से चुप बैठे हुए हैं। इतने समय में तो सारे साक्ष्य खत्म कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की बात मानकर इतने समय तक सब चुप बैठे रहे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल ने सदन में इस संबंध में हमलावर रवैया अपनाया।

कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी की
स्पीकर विपिन सिंह परमार ने कहा कि सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर जगत सिंह नेगी, सुंदर सिंह ठाकुर और नंदलाल ने विधायकों की ओर से इस बारे में नोटिस दिया। मार्च 2021 में रामस्वरूप का देहांत हुआ था। इस संबंध में बजट सत्र में चर्चा भी हुई। अब इस संबंध में नियम 67 के तहत दिया गया स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है।

  उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा की अपनी गरिमा है। यहां पर सार्थक चर्चा होती है।  उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से बैठने का अनुरोध किया। विपक्ष की नारेबाजी के बीच 11 बजकर 22 मिनट पर प्रश्नकाल शुरू हो गया।  विपक्ष के सदस्य नारे लगाते रहे। फिर नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। हालांकि, प्रश्नकाल में सिंघा ने भाग लिया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक