महात्मा गांधी को पहचान दिलाने की बातें बचकाना : आनंद शर्मा

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कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि उन्हें देश के एक बड़े पद पर बैठे व्यक्ति की इस बात को सुनकर हैरानी हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके कारण महात्मा गांधी को दुनिया में पहचान मिली है और उनका नाम चर्चा में है। उन्होंने कहा कि वह इस नेता का नाम नहीं लेना चाहते, मगर वह यह सुन लें कि जब न तो उनका जन्म हुआ था और न ही मेरा, तब भी महात्मा गांधी को दुनिया जानती थी। उस समय अंग्रेजों की हुकूमत होने के बावजूद जब महात्मा गांधी लंदन में भी चले जाते थे, तो वहां भी धरती हिल जाती थी।

उन्हें विदेश में उसी देश की जनता हजारों की संख्या में देखने-सुनने को जुटती थी। यह बात उन्होंने स्थानीय गोरखा भवन में हिमाचल-पंजाब गोरखा एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि जब वह विदेश मंत्री थे, तब सन् 2007 को महात्मा गांधी के सत्याग्रह के सौ साल पूरे हुए थे, तब देश में एक बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस बुलाई गई थी, जिसमें 93 देशों के नेता एवं नोबेल पुरस्कार विजेता आए थे। तब पारित हुए घोषणापत्र में महात्मा गांधी की जयंती दो अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित करने पर सहमति बनी थी। इस प्रस्ताव को दो तिहाई से भी ज्यादा दुनिया के देशों का समर्थन मिला।

वकीलों से मांगा समर्थन

कांगड़ा-चंबा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ने बुधवार को जिला न्यायालय परिसर में जाकर वकीलों से मुलाकात की और लोकसभा चुनाव में अपने लिए समर्थन मांगा। इस दौरान स्थानीय वकीलों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद बार रूम में आनंद शर्मा ने वकीलों से विभिन्न मुद्दों पर लंबी चर्चा की और अपना अनुभव व आगामी योजनाएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि वह भी वकील होने के चलते वकीलों के बीच खुद को सहज महसूस कर रहे हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक