मंडी। पुरुषोत्तम सिंह ने खेल के प्रति अपने जुनून के लिए सीआरपीएफ (CRPF) की नौकरी तक छोड़ दी। इस खिलाड़ी ने अब मार्शल आर्ट (Martial Arts) में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक हासिल किया है। कंबोडिया में आयोजित छठी वर्ल्ड वोविनाम मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में पुरुषोत्तम सिंह ने कंबोडिया के खिलाड़ी को परास्त करते हुए कांस्य पदक झटका है। इस चैंपियनशिप में 26 देशों की टीमों ने भाग लिया था। कंबोडिया में पुरुषोत्तम ने कांस्य पदक जीतने पर मंडी में उनका स्वागत किया गया। कंबोडिया में पुरुषोत्तम ने कांस्य पदक जीतने पर मंडी में उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि एसोसिएशन के सहयोग के बिना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पदक लाना उनके लिए संभव नहीं था। इस स्पर्धा में युवाओं को आगे आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से वोविनाम को प्रदेश में रिकोग्नाईज करने की मांग भी उठाई है।
कांगड़ा के बैजनाथ से संबंध रखने वाले पुरुषोत्तम सिंह सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। नौकरी छोड़ खेल को तवज्जो देने वाले पुरुषोत्तम सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया। पुरुषोत्तम सिंह सिंह ने बताया कि वह कराटे में छह बार नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं। उनका सपना है कि वह भविष्य में भी इस खेल के लिए कड़ी मेहनत करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सहयोग के लिए प्रदेश वोविनाम एसोसिएशन के पदाधिकारियों का आभार जताया है। बता दे पिता के निधन के बाद भी जारी रखा खेलनापुरुषोत्तम सिंह बताते हैं कि उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, भाई और बहन हैं। उनके पिता का निधन 2010 में हो गया था, जिसके बाद भी उन्होंने पारिवारिक परिस्थितियों से लड़ कर अपनी प्रैक्टिस को जारी रखा और आज भारत व हिमाचल प्रदेश का नाम विदेश में रोशन किया।
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