जस्टिस शरद अरविंद बोबडे सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है। कुछ दिन पूर्व मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को अगला सीजेआई बनाने की केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। बता दें कि देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर रंजन गोगोई ने 3 अक्तूबर 2018 को शपथ ग्रहण की थी। सीजेआई रंजन गोगोई इस साल 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
कौन हैं जस्टिस बोबडे
जस्टिस बोबडे उस बेंच के हिस्सा थे, जिसने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया था कि आधार कार्ड न होने पर किसी भारतीय नागरिक को मूल सेवाओं और सरकारी सब्सिडी से वंचित किया जा सकता। जस्टिस बोबडे ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति ए के सीकरी के साथ सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और स्टॉकिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित किया था। साथ ही इसके लिए नए लाइसेंस जारी करने पर भी रोक लगाई थी। हाल ही में चल रहे राम जन्म भूमि विवाद के जुड़े मामले में भी जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल बेंच में शामिल हैं।
जस्टिस बोबडे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं और वर्तमान में वे सुप्रीम कोर्ट में जज होने के साथ ही महाराष्ट्रा नेशनल लॉ यूनिवर्टी के चांसलर भी हैं। उन्होंने एलएलबी डॉ अम्बेडकर कॉलेज ऑफ लॉ, नागपुर विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके अलावा उन्होंने यूनिवर्सिटी की टीम में टेनिस भी खेला। जस्टिस बोबडे ने अपने करियर की शुरुआत 1978 से की और 21 साल तक बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्हें 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में सम्मानित किया गया था।
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