हिमालयन ग्रुप कालाअंब की GNM छात्राओं के पक्ष में उतरी भीम आर्मी

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भीम आर्मी भारत एकता मिशन सिरमौर और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन  ने हिमालयन ग्रुप ऑफ़ प्रोफेशनल इंस्टीटयूशंस कालाअंब पर गंभीर आरोप लगाने वाली छात्राओं के पक्ष में आवाज बुलंद की है।

सिरमौर मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संगठनों के पदाधिकारियों ने संस्थान पर शिक्षा की बजाय व्यापार करने का आरोप लगाया। बता दे कि संस्थान की 17 छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। ये स्टूडेंट्स अनुसूचित जाति,अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जनजाति वर्गों  से ताल्लुक रखतीप्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र धर्मा और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल ने आरोप लगाया कि हिमालयन संस्थान  में अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं को नोटिस देकर 15 अक्तूबर तक फीस जमा न करने की सूरत में परीक्षा में न बैठने देने की बात कही है।

सुरेंद्र धर्मा ने कहा कि छात्राएं यदि आर्थिक रूप में इतनी सक्षम होती तो छात्रवृत्ति के आधार पर शिक्षा लेने की जरूरत नहीं होती। सरकार द्वारा प्रदान की जा रही छात्रवृत्ति के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। वह फीस जमा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में संस्थान की ओर से उनको नोटिस जारी करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने प्रशासन से मांग की कि विद्यार्थियों को पहले परीक्षा में बैठने दिया जाए, ताकि उनका साल खराब न हो। यदि ऐसा नहीं होता है तो भीम आर्मी उनके पक्ष में हर जगह आंदोलन करेगी। संस्थान समेत हर जगह धरना प्रदर्शन होगा और वह कोर्ट तक जाएंगे। उधर,सिरमौर प्रशासन इस मामले पर गंभीर नजर आ रहा है। सोमवार को डीसी सुमित खिमटा द्वारा संस्थान के वाइस चेयरमैन विकास बंसल,शिक्षा व कल्याण विभाग के शीर्ष अधिकारियों को तलब किया था। इस दौरान छात्राओं की स्कालरशिप को जल्द से जल्द जारी करवाने का निर्णय लिया गया साथ ही संस्थान ने भी उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक