Third Eye Today News

हिमाचल में नशे की समस्या व समाधान विषय पर सेमिनार आयोजित

Spread the love

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा ‘हिमाचल में नशा सेवन की लत में वृद्धिः समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प और सशक्त प्रयासों से ही हम देवभूमि को नशामुक्त बना सकते हैं, क्योंकि इसका कारण व समाधान समाज में ही है।

उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त लोग समाज के भीतर ही होते हैं, जिन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक संगठन और ग्राम पंचायतें भी प्रदेश को नशामुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों से भी आग्रह किया कि वे ऐसे असामाजिक तत्वों को बेनकाब करें और उन्हें ऐसा करने से रोकने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जब युवा संगठनों के माध्यम से सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे, तो हम भावी पीढ़ी को नशे की लत से बचा सकते हैं।

शुक्ल ने कहा कि जब पंचायतें यह तय करेंगी कि हिमाचल नशामुक्त हो सकता है, तभी प्रदेश को नशे की समस्या से बचाया जा सकेगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह पहले दूसरों के बच्चों को नशे की लत में न फंसने दें, तभी वे अपने बच्चों को नशे की लत से बचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि नशे की लत का एक और कारण यह है कि इसकी मांग पर अंकुश नहीं लग रहा है इसलिए इसके विपरीत प्रभाव लगातार बढ़ रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन लोगों को भी इसके प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को अपने स्तर पर नशा निवारण केंद्र खोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से वे हिमाचल के राज्यपाल बने हैं, तब से वे नशे के विरूद्ध काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक पूर्णतः सफलता नहीं मिली है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि जब प्रदेश के लोग अपनी समृद्ध परम्पराओं को फिर से स्थापित करेंगे, तभी हम नशे के खिलाफ इस लड़ाई को जीत पाएंगे।

मुख्य वक्ता ओ.पी. शर्मा ने कहा कि आज समाज में नशा एक गंभीर रूप ले चुका है और मादक पदार्थ चिट्टा राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में समाज में मानवीय संवेदनशीलता की कमी है और हम इसका आकलन भी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने राज्य में एकीकृत नशा निवारण नीति लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर समाज में जागरूकता अभियान निरंतर जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समस्या जितनी सरकार की है, उतनी ही समाज की भी है।

इस अवसर पर सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्रोफेसर संजय शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नितिन व्यास ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक