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हिमाचल में जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति कोटा 30 फीसद करने की तैयारी, जानिए शिक्षा विभाग की योजना

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राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जेबीटी का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की तैयारी है। मौजूदा भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों के हिसाब से जेबीटी का पदोन्नति कोटा 15 फीसद है। इसे बढ़ाकर 30 फीसद किया जा सकता है। पिछले सप्ताह राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ हुई बैठक में इस मसले पर विस्तृत चर्चा हुई। संघ के दबाव के बावजूद प्रारंभिक शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को कार्मिक विभाग को भेजने जा रहा है। कार्मिक विभाग यदि इस पर पाजिटिव रिस्पांस देता है तो विभाग इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा।

राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जेबीटी का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की तैयारी है।

प्राथमिक शिक्षक संघ का तर्क है कि जेबीटी का काडर काफी बढ़ा है। पदोन्नति कोटा कम होने के कारण पदोन्नति में काफी ज्यादा ठहराव है। कई साल तक एक ही पद पर सेवा देने के बाद भी शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल पाती जबकि शिक्षकों पर काम का भार ज्यादा है। प्राइमरी स्कूल में दो ही शिक्षक होते हैं। उन्हें सात कक्षाएं लेनी पड़ती हैं। जेबीटी काडर में सैकड़ों शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने बीएड की है। यदि पदोन्नति कोटा बढ़ जाता है तो इनका नंबर पदोन्नति में जल्दी आ जाएगा।

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि बैठक में इस मसले को प्रमुखता से उठाया गया है। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आश्वासन दिया है कि इसका प्रस्ताव तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेगी।

25,162 हैं जेबीटी शिक्षक

शिक्षा विभाग में जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी, पीजीटी, लेक्चरर न्यू सहित अन्य श्रेणियों के शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों का 80 हजार का काडर है। इसमें जेबीटी शिक्षकों की काडर स्ट्रेंथ 25,162 है। टीजीटी के बाद जेबीटी का सबसे बड़ा काडर है। शिक्षक संगठन पिछले काफी समय से पदोन्नति कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक