हिमाचल में ग्रामीण उपभोक्ताओं को राहत, सुक्खू सरकार ने पानी के बिल पर लिया बड़ा फैसला
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं से पानी का बिल वसूलने के अपने निर्णय को वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश जारी किए हैं। अब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों परिवारों को जल शुल्क से राहत मिलेगी। हालांकि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, होम स्टे, होटल, अस्पताल और धर्मशालाओं को जल शुल्क देना होगा।
जनता की राय के बाद सरकार ने लिया फैसला
सरकार के इस फैसले के पीछे जनता की राय को प्रमुख कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल शुल्क को लेकर लोगों से सुझाव मांगे थे। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सरकार से निशुल्क पानी की सुविधा को जारी रखने की मांग की थी। जनता की इस मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जनहित में ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त जल आपूर्ति का निर्णय लिया है। सरकार के इस कदम से लाखों परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी। खासकर उन लोगों को जो सीमित आय में अपना गुजारा कर रहे हैं। सरकार के इस फैसले को आम जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
17 लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा लाभ
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लगभग 17 लाख घरेलू जल उपभोक्ता हैं। इनमें से 9.50 लाख कनेक्शन जल जीवन मिशन योजना के तहत जोड़े गए हैं जबकि बाकी 7.63 लाख कनेक्शन पहले से मौजूद थे। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को नल से जल आपूर्ति देने का लक्ष्य रखा गया था जिससे हजारों गांवों को लाभ मिला है। पिछले साल सितंबर महीने में राज्य सरकार ने आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं से 100 रुपए मासिक जल शुल्क लेने का फैसला किया था। इसके तहत 1 अक्टूबर 2024 से जल शक्ति विभाग ने कई जगहों पर जल बिल जारी करना शुरू कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने अपने पूर्व निर्णय को पलटते हुए ग्रामीण उपभोक्ताओं को निशुल्क जल सुविधा जारी रखने का ऐलान किया है।