हिमाचल में ओपीएस की जगह अब यूपीएस लागू करने पर मंथन
राज्य सरकार ओपीएस की जगह यूपीएस लागू करने की संभावना पर विचार कर रही है। कर्मचारियों के लिए ओपीएस की जगह यूपीएस को लागू करने का मामला कैबिनेट की बैठक में लाने की तैयारी है।हिमाचल में राज्य सरकार ओपीएस की जगह यूपीएस लागू करने की संभावना पर विचार कर रही है। अफसरशाही ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) पर मंथन शुरू कर दिया है। कर्मचारियों के लिए ओपीएस की जगह यूपीएस को लागू करने का मामला कैबिनेट की बैठक में लाने की तैयारी है। इसमें कर्मचारियों के नफे-नुकसान समेत प्रदेश सरकार को होने वाले लाभ को भी देखा जाना है। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू कर दी है। हालांकि, कई निगमों और बोर्डों में अभी इसे लागू किया जाना है। ओपीएस को लागू करना घोषणापत्र में कांग्रेस की पहली गारंटी थी। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद जब ओपीएस को लागू किया, तब यूपीएस नहीं थी। अब केंद्र ने पत्र भेज यूपीएस लागू करने को कहा है, लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार ने अभी जवाब नहीं दिया है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ये कहा
इस बीच, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यूपीएस को लागू करना है या नहीं, यह मामला कैबिनेट की बैठक में डिस्कस होना है। इसमें कर्मचारियों के नफे-नुकसान का ध्यान रखा जाएगा। राज्य पर वित्तीय बोझ कम हो, इसे भी देखा जाना है। विक्रमादित्य ने कहा कि प्रदेश में जिस वक्त ओपीएस लागू की गई, उस समय यूपीएस नहीं थी। केंद्र ने अब यूपीएस लागू की है तो अब इसको लेकर भी चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही उचित फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास एनपीएस के 9,600 करोड़ रुपये फंसे हैं। इसको लेकर केंद्र से पत्राचार होता रहा है। केंद्र को भी हर चीज राजनीति से नहीं जोड़नी चाहिए। हिमाचल में सरकार ने एनपीएस की जगह ओपीएस लागू की है। वर्ष 2003 के बाद भर्ती जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं उन्हें पुरानी पेंशन मिलनी शुरू हो गई है।