Third Eye Today News

हिमाचल ने जीती महत्त्वपूर्ण कानूनी लड़ाई, वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति से मिलेंगे 401 करोड़ रुपये

Spread the love

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कानूनी सफलता प्राप्त की है जिसके अंतर्गत मशोबरा रिजॉर्ट लिमिटेड (एमआरएल) कंपनी को वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति से 401 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। अब राज्य इस कंपनी का एकमात्र स्वामी बन जाएगा।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि राज्य संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) के बैंक में जमा राशि, शेयर होल्डिंग्स और पूंजी के विरुद्ध अग्रिम राशि के 50 प्रतिशत का एकमात्र स्वामी बन गया है। उच्च न्यायालय के 14 अक्टूबर, 2025 के निर्णय के अनुसार, संयुक्त उद्यम कंपनी के लगभग 320 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस राज्य को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने मध्यस्थ निर्णय के अनुसार राज्य को 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश भी दिया है। संयुक्त उद्यम कंपनी में ईस्ट इंडिया होटल्स (ईआईएच) की संपूर्ण शेयर होल्डिंग 13 करोड़ रुपये की राशि राज्य को हस्तांतरित की जाएगी।
इसके अलावा, राशि का केवल 50 प्रतिशत यानी 68 करोड़ रुपये ईआईएच को हस्तांतरित किए जाएंगे। यह धनराशि ईआईएच द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी में जमा की गई 136 करोड़ रुपये की पूंजी के बदले में वापस किए जाएंगे। इससे राज्य को 68 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि एमआरएल पहले वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति का संचालन करने वाली ईस्ट इंडिया होटल और राज्य की संयुक्त उद्यम कंपनी थी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह कानूनी लड़ाई लगभग 30 वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन थी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के विशेष हस्तक्षेप और प्रयासों के कारण, सर्वाेच्च न्यायालय ने 20 फरवरी, 2024 के अपने आदेश में वाइल्ड फ्लावर हॉल की संपूर्ण संपत्ति का कब्जा और स्वामित्व राज्य के पक्ष में हस्तांतरित कर दिया। इसके बाद, राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2025 को संपत्ति का भौतिक कब्जा और स्वामित्व प्राप्त कर लिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देश के प्रमुख वकीलों की मदद से न्यायालय में इस मामले को मजबूती से लड़ा और राज्य के लोगों के हित में जीत हासिल करने में सफलता प्राप्त की। पहले राज्य को इस संपत्ति से कोई वित्तीय लाभ नहीं मिल रहा था, लेकिन अब वर्तमान राज्य सरकार के सक्रिय प्रयासों के कारण राज्य को सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
इससे पहलेएक अन्य मामले में भी सर्वाेच्च न्यायालय ने कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी के संबंध में राज्य के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिया था। न्यायालय ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को निर्देश दिया था कि वह राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान करे। इस निर्णय के आने से राज्य को प्रतिवर्ष 250 करोड़ रुपये से अधिक की आय हो रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस परिणाम पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने दोहराया कि वर्तमान राज्य सरकार हिमाचल के लोगों के हितों की रक्षा के लिए अपने प्रयास जारी रखेगी और किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं करेगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक